रोजाना जीवन में अखबार की भूमिका कैसे निभाई जाती है ? give your answer in 50 to 70 words
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and then you should have the opportunity of my head
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अगर हम समाचार पत्र के बारे में ऐसा कहें कि यह हमारे सुबह की पहली जरूरत है, तो यह गलत नहीं होगा. हममें से कुछ लोग तो ऐसे है, जिन्हें बिना समाचार पत्र पढे सुबह की चाय पीना भी पसंद नहीं . याद कीजिये दीपावली और होली का दूसरा दिन जब समाचार पत्र की अनुपस्थिति में हमारी सुबह सूनि-सूनि सी होती है. साल में यही दो-तीन दिन होते है, जब हमें सुबह समाचार पत्र प्राप्त नहीं होता, अन्यथा अन्य सभी दिन हर सुबह बहुत ही अनुशासित ढंग से हमें हमारा समाचार पत्र प्राप्त होता है. चाहे वह बारिश भरी रात हो या ठंड से भरी सुबह हमें हमारा समाचार पत्र रोज की ताजा खबरों के साथ अपने घर की दहलीज पर मिल ही जाता है.
Samachar patra
अगर हम समाचार पत्रों का इतिहास जानने की कोशिश करे तो यह बहुत ही प्राचीन है, कहा जाता है कि इसकी शुरवात कोलकाता मे हुई थी. पहले समाचार पत्र एक क्षेत्र विशेष तक ही सीमित था, परंतु नित नये आविष्कारों के चलते सूचना का आदान प्रदान तुरंत संभव हो सका. साथ ही साथ छपाई कला में भी दक्षता आई. आजकल कई ऐसी मशीने उपलब्ध है, जिसकी सहायता से चंद घंटो मे हजारो की संख्या में प्रतियाँ तैयार हो जाती है. इन सभी आविष्कारों के चलते समाचार पत्र एक क्षेत्र तक सीमित न रहकर देश विदेशो तक पहुँच गया है.
आज हम घर बैठे दुनिया के हर देश हर कोने की जानकारी समाचार पत्र मे पढ़ सकते है. आज कल पाठक की सुविधा का ध्यान रखते हुये हर भाषा में समाचार पत्र उपलब्ध है, जिसमें खेल कूद, बिज़नेस, राजनीति, शासन प्रशासन आदि कई सारी जानकारी इसमें पाठक को उपलब्ध कराई जाती है. आजकल कई समाचार पत्रों का प्रकाशन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी होता है, जिससे देश विदेश कि जानकारी मिलती है. समाचार पत्रों में कुछ पेज किसी क्षेत्र विशेष के भी होते है, जिसमें वहाँ की समस्याँ और जानकारी दोनों प्रकाशित की जाती है.