Hindi, asked by argantayat, 2 months ago

राजा विराट के यहाँ पांडव भेष बदलकर किस-किस नाम से रहे लिखो​

Answers

Answered by BarkhaSuman7
13

Answer:

द्यूत में पराजित होने पर पांडवों को बारह वर्ष जंगल में तथा तेरहवाँ वर्ष अज्ञातवास में बिताना था। पांडवों के जीवन में अज्ञातवास का समय बड़े महत्व का था। अपने असली वेश में रहने पर पांडवों के पहचाने जाने की आशंका थी, इसीलिए उन लोगों ने अपना नाम बदलकर मत्स्य जनपद की राजधानी विराटनगर (आधुनिक बैराट) में विराटनरेश की सेवा करना उचित समझा। युधिष्ठिर ने कंक नामधारी ब्राह्मण बनकर राजा की सभा में द्यूत आदि खेल खिलाने (सभास्तर) का काम स्वीकार किया। भीम ने बल्लव नामधारी रसोइए का, अर्जुन ने बृहन्नला नामधारी नृत्य शिक्षक का, नकुल ने ग्रथिक नाम से अश्वाध्यक्ष का तथा सहदेव ने तंतिपाल नाम से गोसंख्यक का काम अंगीकार किया। द्रौपदी ने रानी सुदेष्णा की सैर्ध्रीं बनकर केश संस्कार का काम अपने जिम्मे लिया

Answered by Satchandi
1

राजा विराट के यहांँ पांडव अलग अलग नामों से रहे जो निम्नलिखित है-

पांडवों में युधिष्ठिर कंक नामधारी ब्राह्मण बनकर, अर्जुन बृहन्नला नामधारी शिक्षक बनकर, भीम बल्लव रसोईया बनकर, नकुल ग्रथिक नामधारी अश्र्वाध्यक्ष बनकर, तथा सहदेव तंतिपाल नामधारी गोसंख्यक बनकर रह रहे थे।

पांडवों के पिता का नाम पांडु था। कुंती के पुत्र युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन थे। माद्री के पुत्र नकुल और सहदेव थे। युधिष्ठिर सबसे बड़ा भाई था। इसे धर्मराज भी कह कर बुलाते हैं। अर्जुन दुनिया का सबसे महान धर्नुधर था। भीम पांडव में सबसे बलशाली था। नकुल पांडवों में सबसे सुंदर और रूपमान था। सहदेव पांडवों में सबसे छोटा था। यह भी नकुल की तरह सुंदर था।

For more similar questions:

https://brainly.in/question/33637437

https://brainly.in/question/45348391

#SPJ2

Similar questions