राज्यसभा और संसद में अंतर स्पष्ट कीजिए
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Explanation:
भारतीय संसदीय प्रणाली में संसद के दो सदन हैं:- लोकसभा जिसे ‘आम जनता का सदन' या संसद के निचले सदन के रूप में जाना जाता है और राज्यसभा जिसे ‘राज्यों का परिषद्’ या संसद के ऊपरी सदन के रूप में जाना जाता है| लोकसभा वास्तविक कार्यकारी है जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में शासन चलाता है|
भारतीय संसदीय प्रणाली में संसद के दो सदन हैं:- लोकसभा जिसे ‘आम जनता का सदन' या संसद के निचले सदन के रूप में जाना जाता है और राज्यसभा जिसे ‘राज्यों का परिषद्’ या संसद के ऊपरी सदन के रूप में जाना जाता है| लोकसभा वास्तविक कार्यकारी है जो प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में शासन चलाता है
लोकसभा एवं राज्यसभा में अंतर :-
क्र.सं.
लोकसभा
राज्यसभा
1.
इसके सदस्य आम जनता द्वारा वयस्क मतदान की प्रक्रिया के तहत चुने जाते हैं|
इसके सदस्य राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं|
2.
लोक सभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है|
यह एक स्थायी सदन है जिसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक दो साल बाद रिटायर हो जाते हैं|
3.
इसकी अधिकतम सदस्य संख्या 552 है|
इसकी अधिकतम सदस्य संख्या 250 है|
4.
धन विधेयक को केवल लोकसभा में ही पेश किया जा सकता है। यह सदन देश में शासन चलाने हेतु धन आवंटित करता है|
धन विधेयक के संबंध में राज्यसभा को अधिक शक्तियां प्राप्त नहीं है|
5.
केन्द्रीय मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होती है|
केन्द्रीय मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से राज्यसभा के प्रति उत्तरदायी नहीं होती है|
6.
लोकसभा के बैठकों की अध्यक्षता लोकसभा अध्यक्ष करते हैं|
राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता उप-राष्ट्रपति करते हैं |
7.
इसे निचला सदन या आम जनता का सदन कहा जाता है|
इसे ऊपरी सदन या ‘राज्यों की परिषद्’ कहा जाता है|
8.
यदि कैबिनेट मंत्री द्वारा प्रस्तुत कोई विधेयक इस सदन में पारित नहीं हो पाता है, तो पूरी कैबिनेट को इस्तीफा देना पड़ता है।
यदि कैबिनेट मंत्री द्वारा प्रस्तुत कोई विधेयक इस सदन में पारित नहीं हो पाता है, तो पूरी कैबिनेट को इस्तीफा नहीं देना पड़ता है।
9.
भारत के राष्ट्रपति इस सदन में आंग्ल-भारतीय समुदाय के 2 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं।
भारत के राष्ट्रपति इस सदन में कला, शिक्षा, समाजसेवा एवं खेल जैसे क्षेत्रों से संबंधित 12 सदस्यों को मनोनीत कर सकते हैं|
10.
लोकसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु-सीमा 25 वर्ष है|
राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए न्यूनतम आयु-सीमा 30 वर्ष है|
Answer:
राज्य सभा भारतीय लोकतंत्र की ऊपरी प्रतिनिधि सभा है। लोकसभा निचली प्रतिनिधि सभा है। राज्यसभा में २४५ सदस्य होते हैं। जिनमे १२ सदस्य भारत के राष्ट्रपति के द्वारा नामांकित होते हैं। इन्हें 'नामित सदस्य' कहा जाता है। अन्य सदस्यों का चुनाव होता है। राज्यसभा में सदस्य ६ साल के लिए चुने जाते हैं, जिनमे एक-तिहाई सदस्य हर २ साल में सेवा-निवृत होते हैं।
Explanation:
किसी भी संघीय शासन में संघीय विधायिका का ऊपरी भाग संवैधानिक बाध्यता के चलते राज्य हितों की संघीय स्तर पर रक्षा करने वाला बनाया जाता है। इसी सिद्धांत के चलते राज्य सभा का गठन हुआ है। इसी कारण राज्य सभा को सदनों की समानता के रूप में देखा जाता है जिसका गठन ही संसद के द्वितीय सदन के रूप में हुआ है। राज्यसभा का गठन एक पुनरीक्षण सदन के रूप में हुआ है जो लोकसभा द्वारा पास किये गये प्रस्तावों की पुनरीक्षा करे। यह मंत्रिपरिषद में विशेषज्ञों की कमी भी पूरी कर सकती है क्योंकि कम से कम 12 विशेषज्ञ तो इस में मनोनीत होते ही हैं। आपातकाल लगाने वाले सभी प्रस्ताव जो राष्ट्रपति के सामने जाते हैं, राज्य सभा द्वारा भी पास होने चाहिये। जुलाई 2018 से, राज्यसभा सांसद सदन में 22 भारतीय भाषाओं में भाषण कर सकते हैं क्योंकि ऊपरी सदन में सभी 22 भारतीय भाषाओं में एक साथ व्याख्या की सुविधा है।[3]