Political Science, asked by bhaskargeetu36, 5 months ago

राजनीतिक सिद्धांत के महत्व का वर्णन कीजिए 100 शब्दों में​

Answers

Answered by Pranjal08826
1

Answer:

राजनीतिक सिद्धांत एक ऐसा पदबन्ध है जिसे राजनीतिक चिन्तन, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचार, राजनीतिक विश्लेषण, राजनीतिक परीक्षण, राजनीतिक विचारधारा, राजनीतिक व्यवस्था के सिद्धांत आदि के पयार्य के रूप में प्रयोग किया जाता रहा है। राजनीतिक सिद्धांत और राजनीतिक दर्शन को तो आज भी समानार्थी माना जाता है। लेकिन वास्तव में ये दोनों शब्द एक जैसे नहीं है। दर्शन एक बुद्धि का विज्ञान है। प्लेटो और अरस्तु राजनीतिक दार्शनिक इसी कारण है कि उन्होंने सत्य की खोज की है। राजनीतिक दर्शन दर्शन का एक भाग है। दर्शन संसार की प्रत्येक वस्तु की व्याख्या करने का प्रयास करता है। इस सन्दर्भ में दर्शन न केवल ‘है’ का परीक्षण करता है बल्कि यह भी देखता है कि किसी वस्तु को कैसा होना चाहिए, इसमें वैज्ञानिक परीक्षणों के साथ-साथ कल्पना-लोक की बातें भी शामिल होती है।  

हैलोवैल का कहना है कि-’’दर्शन अर्थ की तलाश है, यह हमारे ज्ञान को कुछ विवेकशील व सार्थक प्रतिमानों में संश्लिष्ट करने का प्रयास करता है। दर्शन का वास्तविक उद्देश्य हमारे ज्ञान को बढ़ाना ही नहीं, बल्कि उसे और अधिक गहन करना भी है। जब दर्शन को राजनीतिक घटनाओं पर लागू किया जाता है तो यह राजनीतिक दर्शन बन जाता है। हैलोवैल का कहना है-’’राजनीतिक दर्शन का एक प्रमुख कार्य यह है कि वह मानव के विश्वासों को आत्म-सजगता में लाए और तर्क व बुद्धि के आधार पर उनकी समीक्षा करें। राजनीतिक दर्शन और राजनीतिक सिद्धांत में प्रमुख अन्तर यही है कि दार्शनिक सिद्धांतशास्त्री हो सकता है जैसे प्लेटो व अरस्तु थे, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि सिद्धांतशास्त्री दार्शनिक भी हो। हैरोल्ड लासवैल और चाल्र्स मेरियम सिद्धांतशास्त्री तो हैं, लेकिन वे हॉब्स व लॉक जैसे महान दाश्रनिक नहीं है।

Explanation:

राजनीतिक दर्शन का राजनीतिक संस्थाओं के साथ उतना निकट का सम्बन्ध नहीं है जितना उन विचारों और महत्वकांक्षाओं के साथ है जो उन संस्थाओं में निहित है। यह अन्तर्निहित प्रेरणाओं, विश्वासों और महत्वाकांक्षाओं की खोज करने की आड़ में राजनीतिक घटनाओं और संस्थाओं की सतह के भीतर देखने का प्रयास करता है।

उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि राजनीतिक दर्शन का मुख्य सरोकार इस समस्या से है कि ‘उत्तम जीवन’ की प्राप्ति के लिए किस तरह का राजनीतिक संगठन उपयुक्त होगा। उत्तम जीवन क्या है?-यह नैतिक चिन्तन का विषय है। राजनीतिक-सिद्धांत अनुभावात्मक ज्ञान पर आधारित होने के कारण उत्तम जीवन को परिभाषित करने के काफी निकट पहंचकर भी उससे दूर ही रहता है, परन्तु राजनीतिक सिद्धांत में वैज्ञानिक अध्ययन के अन्तर्गत उत्तम जीवन की बहुत सी मान्यताओं को परखने की सहायता अवश्य मिल जाती है। राजनीतिक-सिद्धांत के अन्तर्गत राजनीतिक जीवन की विभिन्न अभिव्यक्तियों के अध्ययन के लिए उपयुक्त पद्धतियों का चयन और प्रयोग किया जाता है। सार रूप में कहा जाता है कि राजनीति-दर्शन का सरोकार तथ्यों, आदर्शों, मानकों और मूल्यों से है।

Similar questions