राजनीतिक समाजीकरण को परिभाषित कीजिए।
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विश्व की राजनीतिक व्यवस्थाओं का अवलोकन करने से जो महत्वपूर्ण बात हमारे सामने आती है, वह राजनीतिक व्यवहार की विभिन्नता है। इसका प्रमुख कारण राजनीतिक संस्कृतियों में पाए जाने वाले अन्तर को माना जाता है। राजनीतिक संस्कृति की विभिन्नता के कारण ही भारत और ब्रिटेन में संसदीय व्यवस्थाओं का कार्य-व्यवहार आपस में काफी प्रतिकूल है। राजनीतिक संस्कृति का सम्बन्ध राजनीतिक समाज के लोगों के राजनीतिक व्यवस्था के प्रति पाए जाने वाले विचारों व धारणाओं से होता है। इन विचारों और धारणाओं में पाया जाने वाला अन्तर ही विभिन्न राजनीतिक व्यवस्थाओं के राजनीतिक व्यवस्था के प्रति विचार और धारणाओं में अन्तर का प्रमुख कारण राजनीतिक व्यवहार में अन्तर ला देते हैं। लोगों की राजनीतिक संस्कृति या अमुक राजनीतिक व्यवस्था के प्रति विचार और धारणाओं में अन्तर का प्रमुख कारण राजनीतिक समाजीकरण ही है, क्योंकि यह राजनीतिक संस्कृति व राजनीतिक व्यवस्था दोनों का नियामक होता है। राजनीतिक संस्कृति को राजनीतिक व्यवस्था के अनुरूप बनाने में राजनीतिक समाजीकरण का ही विशेष योगदान होता है। राजनीतिक समाजीकरण ही राजनीतिक विकास व राजनीतिक आधुनिकीकरण का भी महत्वपूर्ण उपकरण है। मनुष्य को राजनीतिक मानव बनाने मेंं इसकी भूमिका सबसे बढ़कर है। इसी कारण राजनीतिक समाजीकरण की अवधारणा राजनीति विज्ञान की एक अति महत्वपूर्ण अवधारण बन गई है।
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विश्व की राजनीतिक व्यवस्थाओं का अवलोकन करने से जो महत्वपूर्ण बात हमारे सामने आती है, वह राजनीतिक व्यवहार की विभिन्नता है। इसका प्रमुख कारण राजनीतिक संस्कृतियों में पाए जाने वाले अन्तर को माना जाता है। राजनीतिक संस्कृति की विभिन्नता के कारण ही भारत और ब्रिटेन में संसदीय व्यवस्थाओं का कार्य-व्यवहार आपस में काफी प्रतिकूल है। राजनीतिक संस्कृति का सम्बन्ध राजनीतिक समाज के लोगों के राजनीतिक व्यवस्था के प्रति पाए जाने वाले विचारों व धारणाओं से होता है। इन विचारों और धारणाओं में पाया जाने वाला अन्तर ही विभिन्न राजनीतिक व्यवस्थाओं के राजनीतिक व्यवस्था के प्रति विचार और धारणाओं में अन्तर का प्रमुख कारण राजनीतिक व्यवहार में अन्तर ला देते हैं। लोगों की राजनीतिक संस्कृति या अमुक राजनीतिक व्यवस्था के प्रति विचार और धारणाओं में अन्तर का प्रमुख कारण राजनीतिक समाजीकरण ही है, क्योंकि यह राजनीतिक संस्कृति व राजनीतिक व्यवस्था दोनों का नियामक होता है। राजनीतिक संस्कृति को राजनीतिक व्यवस्था के अनुरूप बनाने में राजनीतिक समाजीकरण का ही विशेष योगदान होता है। राजनीतिक समाजीकरण ही राजनीतिक विकास व राजनीतिक आधुनिकीकरण का भी महत्वपूर्ण उपकरण है। मनुष्य को राजनीतिक मानव बनाने मेंं इसकी भूमिका सबसे बढ़कर है। इसी कारण राजनीतिक समाजीकरण की अवधारणा राजनीति विज्ञान की एक अति महत्वपूर्ण अवधारण बन गई है।