राजस्थान में स्वतंत्रता से पूर्व बालिका शिक्षा पर प्रकाश डालिए।
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भारत सरकार ने सभी को शिक्षा प्रदान करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। बावजूद इसके एशिया महाद्वीप में भारत में महिला साक्षरता दर सबसे कम है। 2001 की जनगणना (स्रोत- भारत 2006, प्रकाशन विभाग, भारत सरकार) के अनुसार देश की 49.46 करोड़ की महिला आबादी में मात्र 53.67 प्रतिशत महिलाएँ हीं साक्षर थी। इसका मतलब यह है कि भारत में आज लगभग 22.91 करोड़ महिलाएँ निरक्षर हैं।
राजस्थान में बालिका शिक्षा की बात करें तो यह दूसरे कई राज्य की तुलना में कम है। स्वतंत्रता से पूर्व बालिका शिक्षा की स्थिति और भी खराब थी।
स्वतंत्रता से पहले राजस्थान में शायद ही कोई व्यक्ति बालिका के शिक्षा हेतु सोचता था। तब के लोगो का मानना था कि बालिकाएं शिक्षा हेतु नहीं बनी हैं।
उस समय लोगों कि सोच विकसित नहीं हुई थी। उनके अनुसार लड़कियों को घर के काम करने चाहिए थे। पढ़ाई से ज्यादा मतलब नहीं होना चाहिए था।
राजस्थान में तब बाल विवाह भी बड़े पैमाने पर होता था। बालिकाएं बाल विवाह के कारण पढ़ाई नहीं कर पाती थी।