राजतरंगिणी ग्रंथ के लेखक कौन थे
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the author of rajtarangini is kalhana. his father was champaka who was the minister in the court of Harsha of Kashmir. he written this book in Sanskrit language.
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राजतरंगिणी ग्रंथ के लेखक कौन थे?
'राजतरंगिणी' के लेखक 'कल्हण' हैं, जो संस्कृत भाषा में रचित ग्रंथ है।
व्याख्या :
- 'राजतरंगिणी' 'कल्हण' द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रंथ है। यह ग्रंथ कश्मीर के इतिहास के विषय में है। कल्हण कश्मीर के ही रहने वाले थे और उन्होंने इस ग्रंथ के माध्यम से तत्कालीन कश्मीर के इतिहास का वर्णन किया है।
- राजतरंगिणी में कुल आठ अध्याय हैं, जिन्हें आठ तरंग कहा जाता है। इस ग्रंथ में कुल 7826 लोग हैं।
- राजतरंगिणी का अर्थ है, राजाओं की नदी अर्थात कश्मीर में शासन करने वाले राजाओं का इतिहास।
- इस ग्रंथ का रचनाकाल 12 वीं शताब्दी में 1147 से 1149 के बीच का अनुमान है।
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