र्कसी भी कायधकी सफलता के र्लए ध्येय के प्रर्त लगन कायधमेंअटू ट श्रद्धा एवां अपनी शब्लियाां मेंपयाधप्त
र्वश्वास आवश्यक िै। र्वश्वास, एकाग्रता, लगन, सांतुलन श्रद्धा आर्ि सािस के ऊपर र्नभधर िैक्ोांर्क मनुष्य का
सबसेप्रथम गुर् सािस िै। सािस अन्य सभी गुर्ोांका प्रर्तर्नर्र्त्व करता िै। यर्ि तन मन और वार्ी सशि िो
तो उनके द्वारा प्राप्त कायधशब्लि के आगेभाग्य स्वयां नतमस्तक िो जाता िै। सािसी की प्रर्तभा के सामनेशोक
और भय भाग जातेिैं। सािसी को सांसार भी रास्ता िेता िै। मनुष्य मेंसब गुर् िो वि र्वद्वान को गुर्वान िो
र्नवान िो शब्लिशाली िो पर यर्ि उसमेंसािस न िो तो वि अपनेसि् गुर्ोांयोग्यताओांव शब्लियाां का उपयोग
निी ांकर सकता। सािस मनुष्य के व्यब्लित्व का नायक िै। सािस व्यब्लि को र्नभधय बनता िैऔर जिााँर्नभधयता
िोती िैवि सफलता र्नर्ित िै। र्नभधयता सेिी आत्मर्वश्वास जागृत िोता िै। आत्मर्वश्वास के अभाव मेंिम उस
प्रत्येक कायधको करतेहुए डरेंगेजो िमनेपिलेनिी ांर्कया और जो र्बल्कु ल नया िै। र्जनके सांकल्प अर्ूरेिोते
िैंजो सांशयग्रस्त िोतेिैंवो कोई बड़ा काम निी ांकर पातेऔर कु छ करतेभी िैंतो उनमेंअसफल िो जातेिैं।
Answers
Answer:
र्कसी भी कायधकी सफलता के र्लए ध्येय के प्रर्त लगन कायधमेंअटू ट श्रद्धा एवां अपनी शब्लियाां मेंपयाधप्त
र्वश्वास आवश्यक िै। र्वश्वास, एकाग्रता, लगन, सांतुलन श्रद्धा आर्ि सािस के ऊपर र्नभधर िैक्ोांर्क मनुष्य का
सबसेप्रथम गुर् सािस िै। सािस अन्य सभी गुर्ोांका प्रर्तर्नर्र्त्व करता िै। यर्ि तन मन और वार्ी सशि िो
तो उनके द्वारा प्राप्त कायधशब्लि के आगेभाग्य स्वयां नतमस्तक िो जाता िै। सािसी की प्रर्तभा के सामनेशोक
और भय भाग जातेिैं। सािसी को सांसार भी रास्ता िेता िै। मनुष्य मेंसब गुर् िो वि र्वद्वान को गुर्वान िो
र्नवान िो शब्लिशाली िो पर यर्ि उसमेंसािस न िो तो वि अपनेसि् गुर्ोांयोग्यताओांव शब्लियाां का उपयोग
निी ांकर सकता। सािस मनुष्य के व्यब्लित्व का नायक िै। सािस व्यब्लि को र्नभधय बनता िैऔर जिााँर्नभधयता
िोती िैवि सफलता र्नर्ित िै। र्नभधयता सेिी