India Languages, asked by utkarshrvj5798, 9 months ago

रेखाकिस्तानि पदानि आश्रित्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत
(क) सुब्बण्णस्य सङ्गीतेऽभिलाष: राजभवने संवृत्त्या सङ्गत्या दृढीबभूव।।
(ख) तच्छुत्वा तत्रत्याः सर्वे पर्यनन्दन।
(ग) समागतो राजा पुराणम् आकर्णयति स्म।
(घ) सुब्बग्णस्य पितुः पाश्र्व महाराज सविस्मय पश्यति स्मा
(ङ) महाराजस्य मुख तिलकालङ्कारः आसीत्।
(च) राजा बालाय सताम्बूलम् उत्तरीयवस्त्रम् अयच्छतु।

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Answered by nikitasingh79
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(क) सुब्बण्णस्य सङ्गीतेऽभिलाषः राजभवने संवृत्तया कया दृढीबभूव ?

(ख) तच्छ्रुत्वा कुत्रत्वाः सर्वे पर्यनन्दन् ?

(ग) समागतो कः पुराणम् आकर्णयति स्म?

(घ) कस्य पितुः पार्वे महाराजं सविस्मयं पश्यति स्म ?

(ङ) कस्य मुखे तिलकाङ्कारः आसीत् ?

(च) राजा कस्मै सताम्बूलम् उत्तरीयवस्त्रम् अयच्छत् ?

अतिरिक्त जानकारी :

प्रस्तुत प्रश्न पाठ सङ्गीतानुरागी सुब्बण्णः ( संगीत-प्रेमी सुब्बण्ण) से लिया गया है। यह पाठ कन्नड़ भाषा के सुप्रसिद्ध रचनाकार 'मास्ति वेङ्कटेश अय्यङ्गार' द्वारा रचित 'सुब्बण्ण' शीर्षक उपन्यास के संस्कृत अनुवाद से संकलित है।  

इसके अनुवादकर्ता हो.ना. वेङ्कटेश शर्मा हैं। उपन्यास का नायक सुब्बण्ण एक पौराणिक शास्त्री का बेटा है। बचपन से ही वह संगीत में दिलचस्पी रखता है। वह भविष्य में श्रेष्ठ संगीतकार बनता है। उद्धृत पाठ में उसकी बाल्यावस्था की एक घटना का वर्णन है।

 

इस पाठ से संबंधित कुछ और प्रश्न :  

कोष्ठकशब्दैः सह विभक्तिं प्रयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत

(क)..................दिने पुराणिकशास्त्री राजभवनम् अगच्छत् (एक)

(ख) .................पार्श्वे उपविष्टः सुब्बण्णः महाराजं सविस्मयं पश्यति स्म।

(पितृ)

(ग) राजा ............. सम्बोध्य पर्यपृच्छत्। (बाल)

(घ) त्वं ......असि। (मेघाविन्)

(ङ) पारितोषिक......... वयं दास्यामः (भवत्)

https://brainly.in/question/15097032

अर्थं लिखित्वा संस्कृतवाक्येषु प्रयोगं कुरुत

साकम्, पार्श्वे, पत्र, सुष्टु, सम्यक्, पुनः।

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