India Languages, asked by kumardeepak258369, 11 hours ago

रेखाङ्कितपदेषु उपसर्गम् पृथक् कृत्वा संयोज्य वा लिखत i- दशरथः अयोध्यायाः अधिपतिः आसीत् ।​

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Answered by private195
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प्रत्यय :शब्दों के अर्थों में परिवर्तन अथवा कुछ विशेषता लाने के लिए उनके परे जो वर्ण या शब्दांश जोड़े जाते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं।

संस्कृत में इनका विभाजन पांच भागों में किया गया है।

तिड् प्रत्यय , सुप् प्रत्यय , कृत् प्रत्यय, तद्धित प्रत्यय , स्त्री प्रत्यय ।

कृत् प्रत्यय : कृत् प्रत्यय केवल धातु से ही जोड़े जाते हैं। इन पत्तियों को जोड़ने से जो शब्द बनता है उसे कृदन्त कहते हैं।

कृदन्त प्रत्यय निम्न प्रकार के होते हैं :

क्त्वा , तूमुन् , ल्यप् ।

उत्तराणि :

पदानि धातु: प्रत्यय

क) १. कृत्वा - कृ + क्त्वा

२. भृत्वा - भृ + क्त्वा

३. स्नात्वा - स्ना + क्त्वा

ख) १. कर्तुम् - कृ + तूमुन्

२. खादितुम् - खाद् + तूमुन्

३. द्रष्टुम् - दृश + तूमुन्

ग) १. आगत्य = आ + गम् +ल्यप्

निधाय = नि +धा + ल्यप्

आदाय = आ + दा+ ल्यप्

संस्पृश्य = सम् + स्पृश + ल्यप्

Explanation:

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Answered by sk3473807
0

Answer:

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