रेखीय आवर्धन से क्या आशय हैं? स्पष्ट कीजिए।
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Explanation:
रेखीय आवर्धन का मतलब होता है कि प्रतिबिम्ब का साइज़ हमारी वस्तु से कितना बड़ा है और रेखीय आवर्धन की परिभाषा है दर्पण या लेंस से बने किसी वस्तु के प्रतिबिम्ब की लंबाई और वस्तु की लंबाई के अनुपात को रेखीय आवर्धन कहते है यह परिभाषा उत्तल दर्पण ,अवतल दर्पण और लेंस के लिए मान्य है आवर्धन को m से दर्शाते है l
या
जहां पर I प्रतिबिम्ब की लंबाई और O वस्तु की लंबाई को हैअवतल लेंस के लिए रेखीय आवर्धन यानि m का मान 1 से कम होता है तथा धनात्मक होता है और उत्तल लेंस के लिए रखीय आवर्धन का मान 1 से कम या ज्यादा या बराबर हो सकता है यदि उत्तल लेंस से बना प्रतिबिम्ब वास्तविक है तो m ऋणात्मक और आभासी प्रतिबिम्ब के लिए मान धनात्मक होता है l
वस्तु के सापेक्ष बने प्रतिबिम्ब का आवर्धन धनात्मक और उलटी दिशा में बना प्रतिबिम्ब को ऋणात्मक लिखा जाता है l
आवर्धन को m से ही दर्शाया जाता है चाहे वह रेखीय हो यानि लम्बाई के लिए हो या फिर मोटाई या चौड़ाई के लिए हो इसे m से ही लिखते है तभी क्षेत्रफल का आवर्धन m×m लिखेंगे l