Hindi, asked by pankajbhosal9653, 1 year ago

रेल की आत्म कथा निबंध

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Answered by nikitabajpai199
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रेलगाड़ी यातायात के आधुनिक साधनों में से एक है। भाप इंजन से डीजल के इंजन और फिर बिजली के इंजनों तक का इसका सफर शानदार रहा है। रफ्तार में भी इसका जवाब नहीं, कहीं 50 किमी प्रति घंटा, कहीं 100 किमी, कहीं तो 300 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ती है यह। भारत में ट्रेनों की अधिकतम गति वर्तमान में 130 किमी प्रति घंटा है जिसे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जापान की बुलेट ट्रेन 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है। छुक-छुक करती रेलगाड़ी यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

जब जेम्स वाट ने भाप की शक्ति से चलनेवाला पहला इंजन बनाया तब रेलगाड़ी का जन्म हुआ। रेल की पटरियों बिछाई गई। रेल के इंजन और बोगियाँ बनने लगीं। रेलवे प्लेटफॉर्म और रेलवे स्टेशन बने। भारत में 1856 में पहली रेलगाडी 32 किम का सफर तय करती हुई मुंबई से थाणे के बीच चली । इसके बाद रेल सेवा का विस्तार होता गया । हजारों किमी की रेल की पटरियाँ बिछाई गई ।

रेलयात्रा को सुगम बनाने के प्रयास हुए । चित्तरंजन और वाराणसी में रेल इंजन बनाने का कारखाना स्थापित किया गया । कपूरथला में रेलवे कोच फैक्ट्री खोली गई । कोलकाता में भूमिगत मैट्रो ट्रेन की शुरूआत हुई । सन् 2002 में राजधानी दिल्ली में मैट्रो रेल सेवा का आरंभ हुआ । कुछ अन्य महानगरों में भी मैट्रो रेल योजना का कार्यक्रम तय किया गया । सन् 2009 के रेलवे बजट में जापान की तर्ज पर तेज गति वाली बुलेट ट्रेन चलाने की संभावनाओं का पता लगाने का काम आरंभ हुआ ।


nikitabajpai199: hlw. rajveer
nikitabajpai199: hi
nikitabajpai199: hlwww
nikitabajpai199: achhi hun
diwamarabhishep6a7fx: Ye to atmkatha nhi hai
Answered by SarthakMinde
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Answer:

फलाटाचे आत्मवृत्त in marathi

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