Hindi, asked by m9623970514, 6 months ago

रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा।
(निबंध लिखिए)​

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Answered by ruchikaneetu2020
5

Answer:

दोस्तों हम हमारी गाड़ी से तो काफी सफ़र करते है पर रेल्वे से यात्रा करने का मजा ही कुछ और होता है। आज हम रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा इस विषय पर हिंदी निबंध लेकर आए है। तो चलिए निबंध की शुरुआत करते है।

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मुखपृष्ठअनुभवHindi essay on Railway Station | रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा।

Hindi essay on Railway Station | रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा।

Hostअप्रैल 10, 2020

दोस्तों हम हमारी गाड़ी से तो काफी सफ़र करते है पर रेल्वे से यात्रा करने का मजा ही कुछ और होता है। आज हम रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा इस विषय पर हिंदी निबंध लेकर आए है। तो चलिए निबंध की शुरुआत करते है।

This image shows railway platform and used for essay on hour on railway stand in hindi

रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा।

पाठशाला को अभी छुट्टी लग चुकी थी इसीलिए हमने तय किया था कि हम कहीं बाहर घूमने जाएंगे। मेरे पिताजी ने रेल्वे की टिकट आरक्षित की हुई थी। फिर आखिर वह दिन आया जब हम बाहर घूमने जाने के लिए निकले। हम रेल्वे स्टेशन पर पहुंचे तभी पता चला कि ट्रेन एक घंटा देर से आएगी फिर क्या हमें एक घंटा रेल्वे स्टेशन पर ही निकालना था।

मैं रेल्वे स्टेशन के एक प्लेटफार्म पर बैठकर अपनी नजर यहां वहा घुमा कर देखने लगा। सब जगह पर लोगों की भीड़ थी। रेल्वे स्टेशन के बाहर रिक्शा टैक्सी की लंबी लाइन लगी थी और कुछ लोग रास्ते पर से भागते भागते अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए आ रहे थे। रेल्वे स्टेशन पर ट्रेन अपने समय के अनुसार ही चलती है वह किसी के लिए १ मिनट भी नहीं रुकती। रेल्वे स्टेशन पर समय का बड़ा महत्व होता है इसीलिए शायद प्लेटफार्म पर इतनी बड़ी घड़ियां लगाई गई थी। स्टेशन पर एक तरफ लोगों की बड़ी लंबी कतार थी, वे सभी लोग अपने ट्रेन के टिकट निकालने के लिए खड़े थे, मैंने टिकट के लिए इतनी लंबी कतार कभी नहीं देखी थी। कुछ लोग एक मशीन में से टिकट निकाल रहे थे टिकट मिलने के बाद लोग अपनी ट्रेन पकड़ने के लिए निकल जाते थे।

मैं देख रहा था तभी प्लेटफार्म पर एक अनाउंसमेंट हुई की "ट्रेन आ रही है कृपया प्लेटफार्म से दूर खड़े रहे" और देखते देखते बड़ी तेजी से ट्रेन वहा आ गई कुछ लोग ट्रेन रुकने से पहले ही ट्रेन से उतर गए तो कुछ चलती ट्रेन में चड़ गए। ट्रेन में कोई बैठने की जगह के लिए झगड़ा कर रहा था तो कोई दरवाजे पर खड़े रहने के लिए झगड़ा कर रहा था। और फिर कुछ देर में ट्रेन वहां से निकल गई।

मैंने अपनी नजर घुमा कर देखी तो एक टि.सी लोगों की तिकिट देख रहा था। पुलिस सब जगह ध्यान दे रही थी। प्लेटफार्म पर एक छोटी सी दुकान पर काफी सारी भीड़ थी। दूसरी तरफ कुछ लोग एक जैसे कपड़े पहन कर बैठे हुए थे वह सामान उठाने वाले कुली थे। उन्हें कौन सी ट्रेन कब आएगी इसकी बराबर जानकारी रहती है।

फिर आखिरकार वह समय आया जब हमारे ट्रेन की घोषणा हुई और मैं जहां बैठा था वहां से उठ खड़ा हुआ और सामान लेकर अपने पिताजी के पास जाकर खड़ा हुआ। पिताजी ने मुझे बताया कि मुझे किस डीब्बे में चढ़ाना है, मैं जैसे तैसे धक्के खाते हुए ट्रेन में चढ़ा और अपनी जगह पर जाकर बैठ गया। मेरी रेल्वे की यात्रा शुरू हुई और रेल्वे स्टेशन पर एक घंटा कैसे बीत गया पता भी नहीं चला। मुझे रेल्वे स्टेशन पर एक अलग ही अनुभव मिला।

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