रामधारी सिंह दिनकर की कविता 'स्वतंत्रता' का सन्देश क्या है?
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Hello Friend
Good morning
Your Ans
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स्वास्थ्य जाति की लगन व्यक्ति की धुन है स्वतंत्रता बाहरी वस्तु नहीं भीतरी गुण है नत हुए बिना जो आसानी घात सहती है स्वाधीन जगत में वही जाती रहती है वीरत्व छोड़ पर का चरण मत कहो रे जो आन पड़े खुद से आग सहो रे स्वर में पावक यदि नहीं वृथा वंदन है वीरता नहीं तो सभी विनय क्रंदन है सिर पर जिसके असिघात रक्तचंदन चंदन है भामरी उसी का करती अभिनंदन है
⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️⭐️
I hope it help you
❗️
❗️
❗️
Thanks for
Kiran Prajapati
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ishika200446:
whats the message of this poem?
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