Hindi, asked by LuciferX6415, 9 months ago

रूपए पेड़ बबूल का आम कहां से खाए मुहावरा का अर्थ इसका अर्थ

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Answered by ashwanikumargupta223
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Answer:

Yaha रूपए nahi बोए hoga

Aue es muhavare ka arth hai ki

भगवान गौतम बुद्ध ने कहा कि प्राणी स्वयं अपने कर्मों के स्वामी हैं। वे अपने कर्मों की ही विरासत पाते हैं। अपने कर्मों से ही उत्पन्न होते हैं और अपने कर्मों के बंधन में बंधते हैं। उनके कर्म ही उनके शरणदाता हैं। कर्म जैसे शुभ-अशुभ होंगे, परिणाम भी वैसे ही शुभ-अशुभ होंगे। और उनके अनुसार ही भोग भोगेंगे। जो कुछ हमें भोगना पड़ता है वह हमारे ही किए का फल है।

Answered by omom72369
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Answer:

Jab maine usse paise Mange to akhrot ke Bhav Mila

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