English, asked by kamaniket05, 3 months ago

रुपक अलंकाराचे उदाहरणे ​

Answers

Answered by anu122512
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Answer:

रूपक अलंकार का उदाहरण

1. उदित उदयगिरि मंच पर, रघुबर बालपतंग।

बिकसे संत सरोज सब, हरषे लोचन-भृंग।।

स्पष्टीकरण-

प्रस्तुत दोहे में उदयगिरि पर मंच का, रघुवर पर बाल पतंग का, संतों पर सरोज का एवं लोचनओं पर  भृगों  का अभेद आरोप होने से रूपक अलंकार है। 

 2. विषय-वारि मन-मीन भिन्न नहिं,

होत कबहुँ पल एक। 

स्पष्टीकरण-

इस काव्य पंकित में विषय पर वारि का और मन पर मीन का अभेद आरोप होने से यहां रूपक अलंकार है। 

3. सिर झुका तूने नियति की मान की यह बात। 

स्वयं ही मुर्झा गया तेरा हृदय-जलजात।।

स्पष्टीकरण-

उपयुक्त काव्य पंक्ति में हृदय जल जात में हृदय उपमेय पर जलजात (कमल) उपमान का अभेद आरोप किया गया है। अतः यहां पर रूपक अलंकार

१-मैया मैं तो चंद्र-खिलौना लैहों। 

२-मन-सागर, मनसा लहरि, बड़े-बहे अनेक। 

३-शशि-मुख पर घूंघट डाले

Answered by qusamueen2003
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Answer:

रूपक अलंकार:

बाई काय सांगू ,स्वामींची ती दृष्टी |

अमृताची दृष्टी, मज होय |

Explanation:

उपमेय: ज्याचे वर्णन केले आहे तो शब्द

उपमान: उपमेयाचे साम्य ज्या शब्दाने दाखवले असते तो शब्द

रूपक अलंकार:

यात उपमेय आणि उपमान एकच आहेत म्हणजे त्यात साम्य दाखवले असते.

येथे स्वामींची दृष्टी आणि अमृत एक आहेत असे सांगितले आहे.

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