रूपरेखा के आधारपरकहानी लिखकर उचित शीर्षकदीजिए।
एक जमिंदार - बहुत से नौकर - खेती की आमदनी का दिन-घर-दिन-प्रतिदिन आमदनी
घटते जाना - मित्र की सलाह- "सुव्ह खेत की ओर सैर करो"-कुछ नौकर गायब-चीजे गायब
रोज देखभाल-आंखे खुलना-खुदकाम में लग जाना-नौकरों में उत्साह-आमदनी बढ़ना।सीख।
Answers
Explanation:
उँगली पिस्तौल
की तरह हेतू की छाती पर दगाकर बोली, “अब दोनों कान खोलकर सुन लो। जो यहाँ चोरी-
चकारी की तो सीधा हवालात में भिजवा दूंगी। जो यहाँ काम करना है तो पाई-पाई का हिसाब
ठीक देना होगा।"
श्रीमती जी का विचार नौकरों के बारे में वही कुछ था, जो अकसर लोगों का है कि सब
झूठे, गलीज और लंपट होते हैं। किसी पर विश्वास नहीं किया जा सकता। सभी झूठ बोलते हैं,
सभी पैसे काटते हैं और सभी हर वक्त नौकरी की तलाश में रहते हैं, जो मिल जाए तो उसी
वक्त घर से बीमारी की चिट्ठी मँगवा लेते हैं। श्रीमती जी का व्यवहार नौकरों के साथ नौकरों
का-सा ही था। यों भी घर में उनकी हुकूमत थी। जब उन्हें पतिदेव पर गुस्सा आता तो अंग्रेजी
में बात करतीं और जब नौकर पर गुस्सा आता तो गालियों में बात करतीं। दोनों की लगाम
खींचकर रखतीं। उनकी तेज नजर पलंग पर बैठे-बैठे भी नौकर के हर काम की जानकारी रखती