राष्ट्रीय एकता write a paragraph writing on it fast on 8:00 am my exam was there.
Answers
Answer:
राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है ।
राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को सशक्त एवं संगठित बनाती है । राष्ट्रीय एकता ही वह भावना है जो विभिन्न धर्मों, संप्रदायों, जाति, वेश-भूषा, सभ्यता एवं संस्कृति के लोगों को एक सूत्र में पिरोए रखती है । अनेक विभिन्नताओं के उपरांत भी सभी परस्पर मेल-जोल से रहते हैं ।
हमारा भारत देश राष्ट्रीय एकता की एक मिशाल है । जितनी विभिन्नताएँ हमारे देश में उपलब्ध हैं उतनी शायद ही विश्व के किसी अन्य देश में देखने को मिलें । यहाँ अनेक जातियों व संप्रदायों के लोग, जिनके रहन-सहन, खान-पान व वेश-भूषा पूर्णतया भिन्न हैं, एक साथ निवास करते हैं । सभी राष्ट्रीय एकता के एक सूत्र में पिरोए हुए हैं ।
जब तक किसी राष्ट्र की एकता सशक्त है तब तक वह राष्ट्र भी सशक्त है । बाह्य शक्तियाँ इन परिस्थितियों में उसकी अखंडता व सार्वभौमिकता पर प्रभाव नहीं डाल पाती हैं परंतु जब-जब राष्ट्रीय एकता खंडित होती है तब-तब उसे अनेक कठिनाइयों से जूझना पड़ता है । हम यदि अपने ही इतिहास के पन्नों को पलट कर देखें तो हम यही पाते हैं कि जब-जब हमारी राष्ट्रीय एकता कमजोर पड़ी है तब-तब बाह्य शक्तियों ने उसका लाभ उठाया है और हमें उनके अधीन रहना पड़ा है ।
इसके विपरीत हमारी राष्ट्रीय अवचेतना से ही हमें वर्षों की दासता से मुक्ति मिल सकी है । अत: किसी भी राष्ट्र की एकता, अखंडता व सार्वभौमिकता बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय एकता का होना अनिवार्य है । भारत जैसे विकासशील देश के लिए जो वर्षों तक दासत्व का शिकार रहा है वहाँ राष्ट्रीय एकता की संपूर्ण कड़ी का मजबूत होना अति आवश्यक है ताकि भविष्य में उसकी पुनरावृत्ति न हो सके ।
Explanation:
Explanation:
answer 1 is right
hope it helps you please make me brainliest