राष्ट्रीय पुष्प कमल पर निबंध।
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कमल एक लौता ऐसा पुष्प है, जो कीचड़ में खिलता है। कमल का फूल शुद्धता, सुंदरता, ऐश्वर्य, कृपा, समृद्धि, ज्ञान, आदि का प्रतीक है। इसके अनगिनत महत्व और लोकप्रियता के कारण, कमल का फूल भारत का राष्ट्रीय फूल कहलाता है। कमल के फूल को 'इंडियन लोटस' या 'सेक्रेड लोटस' के रूप में भी जाना जाता है।
देश का राष्ट्रिय फूल कमल है। कमल बेहद सुन्दर फूल है। कमल एक लौता ऐसा पुष्प है, जो कीचड़ में खिलता है। कमल का फूल शुद्धता, सुंदरता, ऐश्वर्य, कृपा, समृद्धि, ज्ञान, आदि का प्रतीक है। इसके अनगिनत महत्व और लोकप्रियता के कारण, कमल का फूल भारत का राष्ट्रीय फूल कहलाता है। कमल के फूल को ‘इंडियन लोटस’ या ‘सेक्रेड लोटस’ के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथाओ के अनुसार, कमल का फूल देश के मूल्यों को दर्शाते है।
कमल को प्रकृति की एक उल्लेखनीय और अद्भुत रचना माना जाता है। कमल के पत्ते गोल और चमकदार होते है। कमल पुष्प कीचड़ में खिलता है। कमल केवल ज़्यादातर दो रंगो में पाया जाता है : सफ़ेद और गुलाबी। इसके अलावा लाल और नीले रंग का कमल भी प्रकृति के गोद में खिलता है।कमल तालाब , पोखर और जलाशय में खिलता है। कमल का आधा भाग तालाब के जल के अंदर होता है और आधा भाग जल के बाहर रहता है। कीचड़ में खिलने के बावजूद भी यह बेहद खूबसूरत होता है और लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। कमल क्यों की जल में उगता है , इसलिए संस्कृत में इसे पद्या फूल कहा जाता है।
भगवान् लक्ष्मी जी भी कमल के फूल पर विराजमान रहती है। कमल का फूल धन और ज्ञान का शुभ प्रतीक माना जाता है। कमल का फूल , उज्ज्वलता और आध्यात्मिकता के साथ जुड़ा हुआ है। कई देवता हैं जो कमल से जुड़े हुए हैं। हिंदू भगवान ब्रह्मा जो एक कमल से पैदा हुए थे और भगवान विष्णु की नाभि से कमल उछला था। हिन्दू धर्म के अनुसार कमल को पवित्र माना जाता है और कमल का इस्तेमाल पूजा अर्चना में होता है। बौद्ध धर्म में कमल को पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। बौद्ध धर्म के मान्यताओं के अनुसार कमल का फूल अन्य सभी चीजों की तुलना में शुद्ध होता है।
सभी कमलों में आध्यात्मिकता और धार्मिक भावना निहित हैं। गुलाबी कमल को सर्वोच्च कमल कहा जाता है। बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक कार्यक्रमों के लिए कमल का इस्तेमाल किया जाता है। कमल के फूल का इस्तेमाल सजावट के लिए भी किया जाता है। कमल खूबसूरती का प्रतीक है। बौद्ध धर्म और हिन्दू धर्म में कमल को बहुत सम्मान दिया जाता है। कमल के इस्तेमाल से कई प्रकार की दवाईयाँ बनाई जाती है। कमल काफी बड़ा पुष्प होता है। कमल की चौड़ाई दस फ़ीट के होती है। कमल की पंखुड़ी बेहद मुलायम होती है।
कमल की फूल का सौंदर्य सभी को मोहित कर देती है। कमल आकर्षक फूल है और पौराणिक काल से कमल फूल का इस्तेमाल करते आ रहे है। कमल का फूल सिर्फ तालाब में ही नहीं बल्कि झीलों , खाईओं के पानी में भी खिलता है। कमल की खेती छोटे छोटे जलाशय में की जाती है। कमल सिर्फ भारत में नहीं बल्कि अन्य देश जैसे चीन , जापान ,ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका इत्यादि में पाया जाता है।
कमल भारतीय संस्कृति और कला का अभिन्न अंग है। कमल एक जड़ी बूटी वाला औषधि पौधा है जिससे कई प्रकार की बीमारियां ठीक हो सकती है। कमल के ठीक बीच में पीला रंग का केंद्र है। कमल के फूलों को धार्मिक स्थलों पर सजाने के लिए किया जाता है और साथ ही पूजा में इसका उपयोग किया जाता है। कमल के स्टेम और बीजो को खाने के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। कमल के शहद के उपयोग से आँखों से संबंधित बीमारियों का निवारण किया जाता है।
कमल का उपयोग घरेलु नुस्खों में भी किया जाता है। कमल थ्रोट इन्फेक्टिन , स्माल पॉक्स और त्वचा संबंधी एलर्जी को दूर करने में मदद करती है। कमल पुष्प में अनगिनत विटामिनो के गुण होते है और फाइबर से भरपूर होते है। यही कारण है, भोजन को कमल के पत्तो में पड़ोस जाता है और यह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।
कमल का उपयोग करके चाय बना सकते है। कमल के पत्तो को चाय के पत्तो के साथ उबालकर और छानकर पीया जाता है। कमल की चाय दिल की बीमारियों से लड़ने में सक्षम है।
निष्कर्ष
कमल सफलता और धन का भी प्रतीक है।कमल के फूल , हमारे संस्कृति ,परंपरा और पौराणिक कथाओ से जुड़ा हुआ है। कमल को ज्ञान और विद्या का शुभ प्रतीक माना जाता है। भगवन के समक्ष पूजा की ताली में कमल के फूल रखे जाते है। कमल कई गुणों से भरपूर होता है चाहे वह सौंदर्य हो , धार्मिक भावनाएँ हो या स्वास्थ्य से जुड़े लाभ , कमल का अपना विशेष महत्व है और इसलिए इसे देश का राष्ट्रिय फूल चुना गया है।
Explanation:
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कमल भारत का राष्ट्रीय फूल है और यह बहुत ही सुंदर होता है। इसका व्यास 1-3 मीटर तक होता है। यह तालाब, पोखरों और जलाशयों आदि में खिलता है। यह कीचड़ के बीच में रहकर खिलता है। यह मुल रूप से भारत का फूल है लेकिन अब यह विदेशों में भी पाया जाता है। इसे प्राचीन काल से ही शुद्धता और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है। इसके पत्ते गोलाकार और बड़े होते है और थोड़े चमकीले होते हैं। यह आधा पानी के अंदर होता है और आधा पानी की उपरी सतह पर दिखाई देता है। यह केवल दो ही रंगों में पाया जाता है सफेद और गुलाबी।
कमल के फूल पर लक्ष्मी जी विराजमान रहती है जिस कारण इसे धन का प्रतीक माना जाता है। कमल पर ब्रहमा जी के साथ साथ विद्या की देवी सरस्वती जी विद्यमान रहती है जिस कारण इसे ग्यान का प्रतीक भी माना जाता है। भारतीय संस्कृति में कमल को शुभ का प्रतीक माना जाता है। यह मार्च से लेकर अगस्त तक खिलता है। यह सुर्योदय के साथ खिलता है और दिनभर खिला रहता है और सुर्यस्त के साथ मुरझा जाता है। कमल का फूल सिर्फ तीन दिन तक खिलता है उसके बाद सारी पंखुड़ी एक एक करके पानी में गिर जाती है। कमल की पंखुड़ी बहुत ही कोमल होती है। कमल कीचड़ में रहकर भी अपनी सुंदरता को बरकरार रखता है।
कमल के फूल को पूजा अर्चना में प्रयोग किया जाता है। इसका प्रयोग सजावट में किया जाता है। इसके व्भिन्न हिस्सों का प्रयोग अलग अलग काम में किया जाता है। इससे बहुत सी औषधि भी बनाई जाती हैं। कमल की पत्तियाँ त्वचा रोग के इलाज में उपयोगी होती है। कमल का शहद आँखों के लिए बहुत लाभकारी हैं। कमल के फूल का आकार बहुत बड़ा होता है।
कमल के फूल की ऊँचाई केवल 49 इंच तक होती है जबकि इस चैड़ाई 10 फीट तक हो सकती है। कमल के पत्तों पर पानी नहीं टिकता है। कमल के फूल सभी का मन मोह लेते हैं। कमल के फूल को अलग अलग भाषाओं में अलग अलग नाम से जाना जाता है। यह कला और हमारी संस्कृति का हिस्सा है। कीचड़ में खिलने की वजह से कोई भी व्यक्ति इसे तोड़ नहीं पाता है। गुलाबी रंग का कमल हमारा राष्ट्रीय फूल है। सफेद रंग के गुलाब काशी के निकट खिलते हैं। कमल बहुपयोगी और मनमोहक है। इसका महत्व ने इसे राष्ट्रीय फूल बनाया है।