Science, asked by aditisharma3922954, 6 months ago

राष्ट्रीय पोषण दिवस किस माह में मनाया जाता है?​

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Answered by rajkoti919
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Answer:

भूमिका

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (एनएनडब्ल्यू), भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खाद्य और पोषण बोर्ड द्वारा शुरू किया गया वार्षिक पोषण कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम पूरे देश में प्रतिवर्ष 1 से 7 सितंबर तक मनाया जाता है। पोषण सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य बेहत्तर स्वास्थ्य के लिए पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है, जिसका विकास, उत्पादकता, आर्थिक विकास और अंततः राष्ट्रीय विकास पर प्रभाव पड़ता है।

प्रत्येक वर्ष पोषण सप्‍ताह स्‍वास्‍थ्‍य और परिवार कल्‍याण राष्‍ट्रीय पोषण सप्‍ताह मनाता है जिसमें इस अवधि के दौरान बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा और उनकी बेहतरी में उचित पोषण के महत्‍व के बारे में जन जागरूकता पैदा करने के लिए एक सप्‍ताह का अभियान चलाया जाता है।

नवजात शिशु एवं बाल आहार प्रथाओं को अधिकतम बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने “मां- मां की असीम ममता” कार्यक्रम शुरू किया है ताकि देश में स्‍तनपान का दायरा बढ़ाया जा सके। मां कार्यक्रम के अंतर्गत स्‍तनपान को बढ़ावा देने के लिए जिला और ब्‍लॉक स्‍तर पर कार्यक्रम प्रबंधकों सहित डॉक्‍टरों, नर्सों और एएनएम के साथ करीब 3.7 लाख आशा और करीब 82,000 स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाया गया है और 23,000 से ज्‍यादा स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा कर्मचारियों को आईबाईसीएफ प्रशिक्षण दिया गया है। साथ ही उपयुक्‍त स्‍तनपान परंपराओं के महत्‍व के संबंध में माताओं को संवेदनशील बनाने के लिए ग्रामीण स्‍तरों पर आशा द्वारा 1.49 लाख से अधिक माताओं की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं।

सप्‍ताह के दौरान कार्यक्रम

इस सप्‍ताह के दौरान कार्यक्रम प्रबंधकों के साथ माताओं की बैठकें और ब्‍लॉक/जिला स्‍तर की कार्यशालाओं के आयोजन की भी योजना जाती  है। समुदाय में आईबाईसीएफ प्रथाओं में परिवर्तन लाने और जागरूकता बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी केन्‍द्रों में ग्रामीण स्‍तर पर ग्राम स्‍वास्‍थ्‍य और पोषण दिवस आयोजित किया जाता है । इसके अलावा “सार्वजनिक सुविधाओं में स्‍तनपान प्रबंधन केन्‍द्रों पर राष्‍ट्रीय दिशा निर्देश  हाल ही में जारी किए गए हैं ताकि स्‍तनपान प्रबंधन केन्‍द्रों की स्‍थापना को आसान बनाया जा सके और बीमार और समय से पूर्व जन्‍मे बच्‍चों को सुरक्षित मानव स्‍तन दुग्‍ध मिल सके।

स्‍तनपान की जानकारी देना

बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए स्‍तनपान महत्‍वपूर्ण है। जन्‍म के एक घंटे के भीतर स्‍तनपान नवजात शिशुओं की मृत्‍यु के 20 प्रतिशत मामलों को कम कर देता है। नवजात शिशुओं को जिन्‍हें मां का दूध नहीं मिल पाता उनकी स्‍तनपान करने वाले बच्‍चों की तुलना में निमोनिया से 15 गुना और पेचिश से 11 गुना अधिक मृत्‍यु की संभावना रहती है। साथ ही स्‍तनपान नहीं करने वाले बच्‍चों में मधुमेह, मोटापा, एलर्जी, दमा, ल्‍यूकेमिया आदि होने का भी खतरा रहता है। स्‍तनपान करने वाले बच्‍चों का आईक्‍यू भी बेहतर होता है।

शैशवावस्था एवं प्रारंभिक बाल्यावस्था के दौरान उचित पोषण बच्चों को जीवन में बढ़ने, विकास करने, सीखने, खेलने, भाग लेने और समाज में योगदान करने योग्य बनाता है, जबकि कुपोषण संज्ञानात्मक क्षमता, शारीरिक विकास, प्रतिरक्षा प्रणाली को ख़राब करता है तथा बाद के जीवन में रोग (जैसे कि मधुमेह एवं हृदय रोग) उत्पन्न होने के ज़ोखिम को बढ़ाता है।

जबकि कुपोषण कई तरीकों से प्रकट हो सकता है, अंतिम उद्देश्य समस्त बच्चों को सभी रूपों में कुपोषण से मुक्त करना है। हालांकि, कई शिशुओं एवं बच्चों को उचित आहार नहीं मिलता है। उत्कृष्ट शिशु एवं बाल आहार पद्यति के माध्यम से बेहतर बाल स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित है-

(क) गर्भावस्था से पहले एवं गर्भावस्था के समय तथा स्तनपान के दौरान पर्याप्त मातृ पोषण

(ख) स्तनपान को बढ़ावा देना

Explanation:

Answered by sushmitha8318
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National Nutrition Month : मध्यप्रदेश में पोषण अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर की बेहतरी के उद्देश्य से इस वर्ष भी सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जायेगा।

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