Social Sciences, asked by shivanijadhav8099, 1 year ago

राष्ट्रकूट वंश का संक्षिप्त परिचय दीजिए।

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Answered by bhatiamona
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Answer:

राष्ट्रकूट वंश का संक्षिप्त परिचय —

राष्ट्रकूट वंश की स्थापना दंतीदुर्ग ने 736 ईसवी में की थी। तब राष्ट्रकूट वंश की राजधानी नासिक थी। इस वंश में कुल 14 शासक हुए थे। दंतीदुर्ग वातापी चालुक्यों का  सामंत था तथा उसने आखिरी चालुक्य शासक कीर्ति वर्मा द्वितीय को हराकर चालूक्यों की सत्ता समाप्त का अंत कर दिया। इसी वंश के कृष्ण प्रथम ने एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश नाथ मंदिर का निर्माण कराया था।

वंश के चौथे शासक ध्रुव ने गुर्जर शासक वत्सराज को पराजित किया। इसी वंश के पांचवे शासक गोविंद तृतीय ने गुर्जर शासक नागभट्ट द्वितीय और पाल शासक धर्मराज को हराया। उसने राष्ट्रकूट के साम्राज्य का विस्तार मालवा प्रदेश से कांची तक कर दिया। राष्ट्रकूट वंश का छठा शासक अमोघवर्षा शांतिप्रिय था, जिस ने लगभग 64 साल तक राज्य किया। उसने मान्यखेड़ को राष्ट्रपति की राजधानी बनाया। अरब यात्री सुलेमान ने अमोघवर्ष वर्ष की गणना विश्व के तत्कालीन 4 महान शासकों से की थी।

Answered by Aʙʜɪɪ69
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Explanation:

राष्ट्रकूट वंश (753-973 ई०): प्राप्त अभिलेख के अनुसार राष्ट्रकूट वंश का मूल निवास स्थान लाटूर जिले का बीदर माना गया है। किन्तु बाद में एलिचपुर (वर्तमान बरार) में इस वंश की स्थापना हुयीं। राष्ट्रकूट वंश का अपना स्वतंत्र शासन स्थापित करने से पूर्व राष्ट्रकूट बादामी के चालुक्यों के सामंत थे।

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