Hindi, asked by devip4198, 8 months ago

रोटी की कीमत शीर्षक के आधार पर लघु कथा लिखिए​

Answers

Answered by sakshi72748
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Answer:

आटा गूंथते हुए, लोई बनाते हुए, रोटी बेलते हुए, बर्नर पर रखकर फुलाते हुए और आखिर में उस पर कभी-कभार घी लगाते हुए अक्सर मेरी आंखें नम हो जाया करती हैं. ये रोटियां मेरे जीवन की सर्वश्रेष्ठ कृति जान पड़ती हैं. किसी लेख, कविता, कहानी या टीवी शो से भी ज्यादा बेहतर. ये रोटियां जब फूलकर उलट जाती हैं, फट जाती हैं तो लगता है किसी ने सर्टिफिकेट दे दिया हो. ऐसा तवे पर कपड़े से दबाते वक्त फीलिंग्स नहीं आती थीं.

ऐसे वक्त में मुझे अक्सर मां का कहा वो वाक्य याद आने लग जाता है. छुटपन में उसकी नजर के सामने हम में से कोई प्लेट( मां कस्तरी कहा करती ) में रोटी छोड़ देता या मुंह में डालने के बाद बाहर थूकने लग जाता तो एकदम से बेचैन हो उठती. तुमको अभी इस रोटी का कीमत पता नहीं चलेगा रे. तुमको क्या मालूम कि इसी रोटी के लिए इसी देश में केतना आदमी-औरत को झूठ-सच करना पड़ता है. तुमको अभी पेट का मार नहीं पड़ा है न..तुमको अभी एहसास नहीं है न कि भूख से बिलबिलाना क्या होता है, तभिए एतना जमींदारी दिखाते हो. भगवान न करे, हमर बच्चा को ऐसा कभी दिन देखना पड़े.

Explanation:

hope its helpful pleaee mark as berainlist me..

Answered by krish78619
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Explanation:

मुझे अक्सर मां का कहा वो वाक्य याद आने लग जाता है. छुटपन में उसकी नजर के सामने हम में से कोई प्लेट( मां कस्तरी कहा करती ) में रोटी छोड़ देता या मुंह में डालने के बाद बाहर थूकने लग जाता तो एकदम से बेचैन हो उठती. तुमको अभी इस रोटी का कीमत पता नहीं चलेगा रे. तुमको क्या मालूम कि इसी रोटी के लिए इसी देश में केतना आदमी-औरत को झूठ-सच करना पड़ता है. तुमको अभी पेट का मार नहीं पड़ा है न..तुमको अभी एहसास नहीं है न कि भूख से बिलबिलाना क्या होता है, तभिए एतना जमींदारी दिखाते हो. भगवान न करे, हमर बच्चा को ऐसा कभी दिन देखना पड़े.

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