Hindi, asked by veenasonubishnoi, 5 months ago

रीतिकालीन काव्य में किस रस की प्रधानता रही​

Answers

Answered by iwonhoyou
1

Answer:

आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इसे श्रृंगार काल कहा है . यह नाम तत्कालीन सम्पूर्ण रचनाओं को समेट कर चलता है . इस नाम की व्यापकता ,सार्थकता को आचार्य शुक्ल ने भी स्वीकार करते हुए लिखा है कि - वास्तव में श्रृंगार और वीर दो रसों की कविता इस काल में हुई ,प्रधानता श्रृंगार रस की रही .

Explanation:

MARK ME AS BRAINLIST

Answered by saransh010
3

Answer:

आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने इसे श्रृंगार काल कहा है . यह नाम तत्कालीन सम्पूर्ण रचनाओं को समेट कर चलता है . इस नाम की व्यापकता ,सार्थकता को आचार्य शुक्ल ने भी स्वीकार करते हुए लिखा है कि - वास्तव में श्रृंगार और वीर दो रसों की कविता इस काल में हुई ,प्रधानता श्रृंगार रस की रही

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