Hindi, asked by DhananjaysinhJadeja, 3 months ago

रातभर जागकर पढ़ने वाले विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है? समझाइए।​

Answers

Answered by adeshkumar85
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Answer:

शोधकर्ताओं का कहना है कि किशोरों में सामान्य प्रवृत्ति यह रहती है कि परीक्षा के दौरान वे देर से सोते हैं और देर से ही उठते हैं। सामान्यत: सुबह 10 बजे से पहले वे पूरी तरह से चैतन्य नहीं हो पाते हैं। छात्र पहले दोपहर के बाद पूरी तरह से सजग होते हैं और सबसे कठिन पाठों को इसी समय पढ़ना चाहिए। यह प्रक्रिया छात्रों में 21 साल की उम्र तक कायम रहती है

जागने की भी एक क्षमता होती है, लेकिन जब सिर पर पढ़ाई का भूत सवार रहता है। तो जागते रहने के लिए या तो छात्र बार-बार चाय-कॉफी का सेवन करते हैं या फिर उठ कर टहलते हैं अथवा बार-बार मुँह धोते रहते हैं। इन सबका असर न होने पर वे जागते रहने हेतु नींद न आने की गोली आदि का सेवन भी करते हैं। इससे उनकी नींद भले ही कुछ समय के लिए गायब हो जाए, लेकिन इसका सेहत पर बुरा असर पड़ता है। रात भर जागने वाले परीक्षार्थी जब सुबह परीक्षा देने जाते हैं तो उन्हें झपकी आने लगती है, जिस पर उनका कोई वश नहीं होता है। ऐसे में रातभर जो कुछ उन्होंने पढ़ा वह सब भूल जाते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मस्तिष्क की कार्यक्षमता घट जाती है। आखिरकार उसे भी तो आराम चाहिए जो नींद से ही मिल सकता है। परीक्षा के दौरान रातभर जागने से परीक्षार्थी के पाचन तन्त्र पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

Explanation:

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