रैदास ने अपने पहले पद में प्रभु को चंदन और स्वयं को क्या कहा है?
Answers
Answered by
1
Explanation:
पठित पद से ज्ञात होता है कि रैदास को अपने प्रभु के नाम की रट लग गई है जो अब छुट नहीं सकती है। इसके अलावा कवि ने अपने प्रभु को चंदन, बादल, चाँद, मोती और सोने के समान बताते हुए स्वयं को पानी, मोर, चकोर धाग और सुहागे के समान बताया है। ... कवि रैदास ने 'हरिजीउ' कहकर अपने आराध्य प्रभु को संबोधित किया है।
Similar questions
Math,
3 months ago
Environmental Sciences,
3 months ago
Science,
3 months ago
English,
7 months ago
India Languages,
1 year ago
Hindi,
1 year ago