Hindi, asked by samarthakolkar, 6 months ago

रैदास ने अपने पहले पद में प्रभु को चंदन और स्वयं को क्या कहा है?​

Answers

Answered by vedpandit2721
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Explanation:

पठित पद से ज्ञात होता है कि रैदास को अपने प्रभु के नाम की रट लग गई है जो अब छुट नहीं सकती है। इसके अलावा कवि ने अपने प्रभु को चंदन, बादल, चाँद, मोती और सोने के समान बताते हुए स्वयं को पानी, मोर, चकोर धाग और सुहागे के समान बताया है। ... कवि रैदास ने 'हरिजीउ' कहकर अपने आराध्य प्रभु को संबोधित किया है।

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