Hindi, asked by ajaysinght405, 6 months ago

रिवीजन टेस्ट पेपर वर्ष 2020-21
कक्षा 11वीं
विषय हिन्दी
पूर्णांक : 80
निर्देश:-
1. इस प्रश्न-पत्र में तीन खण्ड हैं - क, ख एवं ग
2. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है
3. सभी प्रश्नों के उत्तर यथा संभव क्रमशः लिखिए
खण्ड-"क"
1. निम्न गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए।
"जो व्यक्ति सद्गुण संपन्न होते हैं सदारी होते हैं, जनहित ही जिनके जीवन का लक्ष होता है। वे
महान पुरूष होते हैं, महात्मा होते हैं। दुष्टों के निरन्तर संसर्ग और संपर्क में रहते हुए भी उनके चरित्र
और स्वभाव पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता। उनके स्वभाव में कोई विकृति नहीं आ पाती। वे चंदन की
भाँति दुष्प्रवृतियों के बीच रहते हुए भी समाज के संतापों को अपनी शीतलता से हटाते रहते हैं। अपने
गुणों की-सुगंध से वातावरण को पवित्र बनाए रहते हैं। वे दुष्टों के प्रति निस्संग और निर्लिप्त रहकर भी
अपना कार्य करते रहते हैं। संगति का गुप्त प्रभाव हमारे आचरण पर बड़ा भारी पड़ता है, यह उक्ति
समान्य व्यक्तियों के लिए कही गई है। चंदन जैसे व्यक्तित्व और चरित्र वाले दृढ़ और उदात्र स्वभाव
वाले महापुरुषों पर यह लागू नहीं होता। वे लोग कुसंगति के प्रभाव से बहुत ऊपर उठ चुके होते हैं,
वह प्रभाव अन्हें छू भी नहीं पाता है। यहां एक बात और ध्यान देने योग्य है, वह यह कि चंदन का वृक्ष
अपने अंगों से लिपटे हुए विषधरों के प्रति कभी कोई कटु प्रतिक्रिया नहीं करता, उसी तरह वे महान
लोग भी दुष्टों के प्रति कोई घृणा, द्वेष या आक्रोष व्यक्त नहीं करते और न ही वे उन्हें दंड देने की
चेष्टा करते हैं।"ansar​

Answers

Answered by bhagwa929gmailcom
5

Answer:

  • make me the brainliest thank you
Answered by franktheruler
0

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर निम्न प्रकार से लिखे गए है

(1) संगति का मनुष्य पर कैसा प्रभाव पड़ता है ?(2) आपके विचार से सद्गुण संपन्न व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसा होता है?

3) उपुर्युक्त गद्यांश को उचित शीर्षक दीजिए।

  • (1) संगति का हमारे आचरण पर गुप्त प्रभाव पड़ता है। हम है स्वभाव के व्यक्ति के साथ रहते है हम पर भी उसके स्वभाव का प्रभाव पड़ता है। यह आम लोगो के साथ लागू होता है परन्तु महापुरुषों पर संगति का प्रभाव नहीं पड़ता। वे कुसंगत में रह कर , दुष्टों के साथ रह कर भी समाज में खुशबू फैलाते है, अपना कार्य निस्वार्थ रूप से करते रहते है।
  • (2) सद्गुण संपन्न व्यक्ति सदाचारी होते है , उनके जीवन का लक्ष्य केवल जनहित होता है। वे महान पुरुष होते है। दुष्टों के साथ नियमित संपर्क में होने पर भी उन्हें स्वभाव में कोई अंतर नहीं आता । अपने गुणों की सुगंध से वे वातावरण को पवित्र बनाए रखते है।
  • गद्यांश का उचित शीर्षक होगा ,

" सदाचारी व्यक्ति" ।

#SPJ3

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