Hindi, asked by ankitsinghkv4106, 1 year ago

"रहीम के काव्य में नैतिक मूल्यों की सुन्दर व्यंजना हुई है। इस कथन की व्याख्या कीजिए ?

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Answered by AbsorbingMan
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वास्तव में, नैतिक गुणों की कोई एक पूर्ण सूची तैयार नहीं की जा सकती, तथापि संक्षेप में हम इतना कह सकते हैं कि हम उन गुणों को नैतिक कह सकते हैं जो व्यक्ति के स्वयं के, सर्वांगीण विकास और कल्याण में योगदान देने के साथ-साथ किसी अन्य के विकास और कल्याण में किसी प्रकार की बाधा न पहुंचाए।

नैतिक मूल्यों का विस्तार व्यक्ति से विश्व तक, जीवन के सभी क्षेत्रों में होता है. व्यक्ति-परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र से मानवता तक नैतिक मूल्यों की यात्रा होती है।

आधुनिक जीवन में नैतिक मूल्यों की आवश्यकता, महत्त्व अनिवार्यता व अपरिहार्यता को इस बात से सरलता व संक्षिप्ता में समझा जा सकता है कि संसार के दार्शनिकों, समाजशात्रियों, मनोवैज्ञानिकों शिक्षा शात्रियों, नीति शात्रियों ने नैतिकता को मानव के लिए एक आवश्यक गुण माना है।

Answered by dreamrob
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रहीम ने अपने उच्चतम नैतिक और नैतिक मूल्यों के साथ कई दोहे लिखे। रहीम ने कई हिंदू भक्ति कविताएं भी लिखीं जिनका अर्थ है ईश्वर के हृदय में समर्पित होना।

  और उनकी कई कविताएँ प्रेम और प्रेम को समर्पित हैं। और जीवन के बहुत पुराने चरण में लिखे गए दोहा, भाषा में बहुत आसान हैं और निर्माण भी बहुत सरल है।

उनकी कुछ कामुक कविताएँ सरल रूप में नहीं लिखी गई हैं। इसमें से अधिकांश, जब वह एक युवा व्यक्ति था, तब लिखा जाता है जिसे बहुत ही सूक्ष्मता से तैयार किया जाता है। आखिरकार, वह महान साहित्यिक उपलब्धि के समय पर रहे। उनके समकालीन तुलसीदास, केशव, गंग और कई अन्य हैं।

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