रहीम ने क्वार के मास में गरजनेवाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से क्यों की है जो पहले कभी धनी थे और बीती बातों को बताकर दूसरों को प्रभावित करना चाहते हैं? दोहे के आधार पर आप सावन के बरसने और गरजनेवाले बादलों के विषय में क्या कहना चाहेंगे?
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????? sorry not 8n my syllabus
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रहीम ने क्वार के मांस में गरजने वाले बादलों की तुलना ऐसे निर्धन व्यक्तियों से इसीलिए की है क्योंकि दोनों गरजकर रह जाते हैं कुछ कर नहीं पाते। बादल बरसे नहीं पाते,निर्धन व्यक्ति का दन लौटकर नहीं आता। जो अपने बीते हुए सुखी दिनों की बात करते रहते हैं,उनकी बातों में बेकार और वर्तमान परिस्थितियों में अर्थहीन होती है। दोहे के आधार पर सावन की बरसने वाले बादल धनी तथा क्वार के गरजने वाले बादल निरधन कहे जा सकता है।
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