रहीम ने सच्चे प्रेम को कैसा बताया है? मछली की तरह
जल
जल की तरह
जाल की तरह
Answers
Answered by
2
Answer:
रहिमन' मछरी नीर को तऊ न छाँड़ति छोह॥ अर्थ- इस दोहे में रहीम दास जी ने मछली के जल के प्रति घनिष्ट प्रेम को बताया है। वो कहते हैं मछली पकड़ने के लिए जब जाल पानी में डाला जाता है तो जाल पानी से बाहर खींचते ही जल उसी समय जाल से निकल जाता है। परन्तु मछली जल को छोड़ नहीं सकती और वह पानी से अलग होते ही मर जाती है।
Answered by
4
Explanation:
रहीम ने सच्चे प्रेम को जल की तरह बताया है जो कभी इधर तो कभी उधर बैठा ही रहता है पानी की तरह
Similar questions