रहिमन ओछे नरन सौं, बैर भली न प्रीति।
काटे चाटे स्वान के, दोऊ भाँति विपरीत।।
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रहिमन ओछे नरन सो, बैर भली न प्रीत. काटे चाटे स्वान के, दोउ भाँती विपरीत.” अर्थ :- गिरे हुए लोगों से न तो दोस्ती अच्छी होती हैं, और न तो दुश्मनी. जैसे कुत्ता चाहे काटे या चाटे दोनों ही अच्छा नहीं होता
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