Hindi, asked by riya136410, 1 year ago

रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।
ये कौन अलंकार है?

Answers

Answered by bhatiamona
51

Answer:

रहिमन पानी रखिये बिनु पानी सब सून पानी गए न ऊबरे मोती मानुस चूं  

इसमें  श्लेष अलंकार है |

श्लेष अलंकार है क्योकि

जहाँ एक ही शब्द के अनेक अर्थ निकलते हो वो श्लेष अलंकार होता है ।

यहाँ पानी के 3 अर्थ है । क्रांति ,आत्मसम्मान और जल

तो ये श्लेष अलंकार है ।

इस दोहे में रहीम जी ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है।  

पानी का पहला अर्थ मनुष्य के स्वभाव से है मतलब इज्जत से है. रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा इज्जत से रहना चाहिए।  

पानी का दूसरा अर्थ तेज या चमक से है जैसे बिना चमक के मोती का कोई मूल्य नहीं होता है।

पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे (चून) से जोड़कर दर्शाया गया है.

मनुष्य को हमेशा अपने व्यवहार में हमेशा इज्जत से रहना चाहिए, जिसके बिना उसका कोई मूल्य नहीं होता है |

Answered by Akshita27i9
15

Answer:

Explanation:रहिमन पानी रखिये बिनु पानी सब सून पानी गए न ऊबरे मोती मानुस चूं  

इसमें  श्लेष अलंकार है |

श्लेष अलंकार है क्योकि

जहाँ एक ही शब्द के अनेक अर्थ निकलते हो वो श्लेष अलंकार होता है ।

यहाँ पानी के 3 अर्थ है । क्रांति ,आत्मसम्मान और जल

तो ये श्लेष अलंकार है ।

इस दोहे में रहीम जी ने पानी को तीन अर्थों में प्रयोग किया है।  

पानी का पहला अर्थ मनुष्य के स्वभाव से है मतलब इज्जत से है. रहीम कह रहे हैं कि मनुष्य में हमेशा इज्जत से रहना चाहिए।  

पानी का दूसरा अर्थ तेज या चमक से है जैसे बिना चमक के मोती का कोई मूल्य नहीं होता है।

पानी का तीसरा अर्थ जल से है जिसे आटे (चून) से जोड़कर दर्शाया गया है.

मनुष्य को हमेशा अपने व्यवहार में हमेशा इज्जत से रहना चाहिए, जिसके बिना उसका कोई मूल्य नहीं होता है |

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