रहिमन विद्याबुद्धि नहीं, नहीं धरम जस दान ।
भू पर जनम वृथा धरै, पसु बिनु पूँछ समान ।।२।।
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Explanation:
रहिमन’ विद्या, बुद्धि नहिं, नहीं धरम,जस, दान ।
भू पर जनम वृथा धरै, पसु बिन पूँछ-विषान ॥
अर्थ
न तो पास में विद्या है, न बुद्धि है, न धर्म-कर्म है और न यश है और न दान भी किसी को दिया है। ऐसे मनुष्य का पृथ्वी पर जन्म लेना वृथा ही है। वह पशु ही है बिना पूँछ और बिना सींगो का।
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