रहो न भूलकर कभी मदांध तुच्छ वित्त में,
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में |
अनाथ कौन है यहाँ ? त्रिलोकनाथ साथ हैं,
दयालु दीनबंधु के बड़े विशाल हाथ है |
अतीव भाग्यहीन है अधीर भाव जो करे,
वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे ||
मनुष्य को किसके मद में अंधा नहीं होना चाहिए ?
I. धन के
II. शक्ति के
III. ईश्वर के
IV. परिवार के
Answers
Answered by
4
Answer
3. ईश्वर के
Explanation
कवि का कहना है कि मनुष्य को कभी भी धन पर घमंड नहीं करना चाहिए। कुछ लोग धन प्राप्त होने पर स्वयं को सुरक्षित व सनाथ समझने लगते हैं। परन्तु उन्हें सदा सोचना चाहिए कि इस दुनिया में कोई अनाथ नहीं है। सभी पर ईश्वर की कृपा दृष्टि है। ईश्वर सभी को समान भाव से देखता है। हमें उस पर भरोसा रखना चाहिए।
Answered by
1
मनुष्य को धन के मद में अंधा नहीं होना चाहिए ।
Similar questions