Hindi, asked by jadhavjitender22, 21 days ago

raise it. 2, उपभोग फलन से आपका क्या अभिप्राय है? इसकी मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें। ​

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Answered by arundhatirawat118
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Answer:

उपभोग फलन को परिभाषित करते हुए ने कहा है कि 'उपभोग फलन यह बतलाता है कि उपभोक्ता आय के प्रत्येक सम्भव स्तर पर उपभोग की वस्तुओं पर कितना खर्च करना चाहेंगा। ' ... ' Page 3 का कहना है कि "उपभोग क्रिया यह बताती है कि उपभोक्ता आय के प्रत्येक सम्भव स्तर पर उपभोग पदार्थों और सेवाओं पर कितना व्यय करना चाहेगे।

Explanation:

- उपभोग फलन को प्रभावित करने वाले प्रमुख वस्तुनिष्ठ तत्व निम्नलिखित हैं-

1. द्राव्यिक आय- समाज में द्राव्यिक आय में वृद्धि होने पर उपभोग प्रवृत्ति बढ़ जायेगी तथा द्राव्यिक आय में कमी होने पर उपभोग प्रवृत्ति घट जायेगी।

2. अप्रत्याशित लाभ एवं हानियाँ- यदि अप्रत्याशित लाभ प्राप्त होते हैं जैसे शेयरों की कीमतें अचानक बढ़ जाती हैं तो उपभोग फलन ऊपर की ओर खिसक जायेगा। इसके विपरीत दशा में अर्थात् हानि होने पर उपभोग फलन नीचे की ओर खिसक जायेगा।

3. राजकोषीय नीति- यदि सरकार ऊँची दर से कर लगाती है तो उपभोग प्रवृत्ति कम हो जाती है और यदि कल्याणकारी योजनाओं पर अधिक व्यय करती है तो उपभोग प्रवृत्ति बढ़ जाती है।

4. ब्याज की दर- ब्याज की दर बढ़ने पर लोग कम उपभोग करके अधिक बचत करते हैं अर्थात् उपभोग प्रवृत्ति में कमी आयेगी। इसके विपरीत ब्याज की दर में कमी होने पर कम बचत होगी तथा उपभोग प्रवृत्ति में वृद्धि होगी।

5. आशाओं में परिवर्तन- भविष्य में कीमतों में वृद्धि की आशा होने पर लोग वस्तुओं की अधिक माँग करते हैं तथा उपभोग प्रवृत्ति बढ़ जाती है। इसके विपरीत दशा में उनकी उपभोग प्रवृत्ति घट जाती है।

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