Hindi, asked by akankshayadav0, 1 year ago

Rajiv Gandhi ka yogdan​

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Answered by nehashekhawat255
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Answer:

अपने प्रधानमंत्री काल में राजीव गांधी ने नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए कारगर क़दम उठाए, लेकिन पंजाब और कश्मीर में अलगाववादी आंदोलन को नाकाम करने की उनकी कोशिश का बुरा असर हुआ। वे सियासत को भ्रष्टाचार से मुक्त करना चाहते थे, लेकिन यह विडंबना है कि उन्हें भ्रष्टाचार की वजह से ही सबसे ज़्यादा आलोचना का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कई साहसिक क़दम उठाए, जिनमें श्रीलंका में शांति सेना का भेजा जाना, असम समझौता, पंजाब समझौता, मिज़ोरम समझौता आदि शामिल हैं। इसकी वजह से चरमपंथी उनके दुश्मन बन गए। नतीजतन, श्रीलंका में सलामी गारद के निरीक्षण के वक़्त उन पर हमला किया गया, लेकिन वे बाल-बाल बच गए।

साल 1989 में उन्होंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया, लेकिन वे कांग्रेस के नेता पद पर बने रहे। वे आगामी आम चुनाव के प्रचार के लिए 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेराम्बदूर गए, जहां एक आत्मघाती हमले में उनकी मौत हो गई। देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी। राजीव गांधी की देशसेवा को राष्ट्र ने उनके दुनिया से विदा होने के बाद स्वीकार करते हुए उन्हें भारतरत्न से सम्मानित किया जिसे श्रीमती सोनिया गांधी ने 6 जुलाई 1991 को अपने पति की ओर से ग्रहण किया।

राजीव गांधी अपने विरोधियों की मदद के लिए भी हमेशा तैयार रहते थे। साल 1991 में जब राजीव गांधी की हत्या कर दी गई, तो एक पत्रकार ने भाजपा नेता अटल बिहारी वाजपेयी से संपर्क किया। उन्होंने पत्रकार को अपने घर बुलाया और कहा कि अगर वे विपक्ष के नेता के नाते उनसे राजीव गांधी के ख़िलाफ़ कुछ सुनना चाहते हैं, तो वे एक भी शब्द राजीव गांधी के ख़िलाफ़ नहीं कहेंगे, क्योंकि राजीव गांधी की मदद की वजह से ही वे ज़िन्दा हैं।

Answered by aryan9422
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कुछ लोग ज़मीन पर राज करते हैं और कु्छ लोग दिलों पर। मरहूम राजीव गांधी एक ऐसी शख़्सियत थे, जिन्होंने ज़मीन पर ही नहीं, बल्कि दिलों पर भी हुकूमत की। वे भले ही आज इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन हमारे दिलों में आज भी ज़िंदा हैं। राजीव गांधी ने उन्नीसवीं सदी में इक्कीसवीं सदी के भारत का सपना देखा था।

स्वभाव से गंभीर लेकिन आधुनिक सोच और निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता वाले राजीव गांधी देश को दुनिया की उच्च तकनीकों से पूर्ण करना चाहते थे। वे बार-बार कहते थे कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के साथ ही उनका अन्य बड़ा मक़सद इक्कीसवीं सदी के भारत का निर्माण है। अपने इसी सपने को साकार करने के लिए उन्होंने देश में कई क्षेत्रों में नई पहल की, जिनमें संचार क्रांति और कम्प्यूटर क्रांति, शिक्षा का प्रसार, 18 साल के युवाओं को मताधिकार, पंचायती राज आदि शामिल हैं।

वे देश की कम्प्यूटर क्रांति के जनक के रूप में भी जाने जाते हैं। वे युवाओं के लोकप्रिय नेता थे। उनका भाषण सुनने के लिए लोग घंटों इंतज़ार किया करते थे। उन्होंने अपने प्रधानमंत्री काल में कई ऐसे महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए जिसका असर देश के विकास में देखने को मिल रहा है। आज हर हाथ में दिखने वाला मोबाइल उन्हीं फ़ैसलों का नतीजा है।

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