Hindi, asked by AyushSingh1912, 11 months ago

Ramdhari Singh Dinkar ka Kavita Himmat Aur Jivani ka Saransh ek page ka likhna hai​

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Answered by Anonymous
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जिन्दगी के असली मजे उनके लिए नहीं हैं, जो फूलों की छांह के नीचे खेलते और सोते हैं, बल्कि फूलों की छांह के नीचे अगर जीवन का कोई स्वाद छिपा है, तो वह भी उन्हीं के लिए है, जो दूर रेगिस्तान से आ रहे हैं, जिनका कंठ सुखा हुआ, ओठ फटे हुए और सारा बदन पसीने से तर है. पानी में जो अमृतवाला तत्व है, उसे वह जानता है, जो धूप में खून सुखा चुका है. वह नहीं, जो रेगिस्तान में कभी पड़ा ही नहीं है.जो सुखों का मूल्य पहले चुकाते हैं और उनके मजे बाद को लेते हैं, उन्हें स्वाद अधिक मिलता है. जिन्हें आराम आसानी से मिल जाता है, उनके लिए आराम ही मौत है.जीवन का भोग त्याग के साथ करो, यह केवल परमार्थ का ही उपदेश नहीं है, क्योंकि संयम से भोग करने पर जीवन से जो आनंद प्राप्त होता है, वह निरा भोगी बनकर भोगने से नहीं मिल पाता.. अगर रास्ता आगे ही आगे निकल रहा हो, तो फिर असली मजा तो पांव बढ़ाते जाने में ही है.

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