Hindi, asked by royalbanna193, 1 year ago

"Ras" ka sutra (Formula) kya hai?

Answers

Answered by jayapundir29
45
here is the answer....

विभावानुभाव व्यभिचारिसंयोगाद् रस निष्पतिः'- विभाव, अनुभाव, व्यभिचारी (संचारी) के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है।
Answered by dcharan1150
8

रस का सूत्र क्या हैं ?

Explanation:

सरल और सटीक तौर पर कहूँ तो, रस के कोई जटिल और तार्किक सूत्र नहीं हैं | "रस" का मौलिक अर्थ है खुशी यानी आनंद की प्राप्ति करना | अकसर आपने सुना होगा की, जीवन में अगर खुशी नहीं होगी तो, वह जीवन "नीरस" हो जाता हैं | इसलिए यह कहा जा सकता हैं की, जिस चीज़ से आपको खुशी मिलती है वही चीज़ ही आपके जीवन का रस हैं |

रस के प्राप्ति के लिए प्रभु जी की भजन करना, काव्य पढ़ना, पुस्तक पठन करना, घूमना, खेलना आदि कई सारे माध्यम आपके पास मौजूद हैं | आप ही को इनमें से पता लगाना होगा की, आपके लिए कौनसा रस का माध्यम बनता हैं | वैसे प्रभु जी की सेवा करने में जीवन की सारी असुविधा मिटने के साथ ही साथ जीवन के असली रस की प्राप्ति होती हैं जो की चीर स्थायी भी होती हैं |

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