Hindi, asked by rutujanandalajkar, 5 days ago

रसोई को खाली पोपियों को टटोला बच्चों को गुल्लक तक देख डाली पर सब में मिला एक ही तत्त्व खाली.. कनस्तरों को, मटकों को ढूँढा सब में मिला शून्य-ब्रह्मांड संजाल पूर्ण कीजिए: ये वस्तुएँ खाली थी सरल अर्थ​

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Answered by s12909csarishti23843
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Answer:

रसोई की खाली पीपियों को टटोला बच्चों की गुल्‍लक तक देख डाली पर सब में मिला एक ही तत्‍त्‍व खाली...कनस्‍तरों को, मटकों को ढूॅंढ़ा सब में मिला शून्य-ब्रह्मांड।

यह पद्यांश छापा कविता पंक्तियों से लिया गया है | छापा कविता ओमप्रकाश आदित्य के द्वारा लिखी गई है| कवि ने कविता में आयकर विभाग के छापे के माध्यम से आम आदमी की आर्थिक स्थिति , छापा मारने वालों की कार्य प्रणाली को दर्शाया है|

अधिकारी लेखक के सारे घर की तलाशी लेने लगते है | अधिकारीयों ने रसोई के खाली पिपियों और कनस्तरों में खोल कर देखा | बच्चों की गुलक तक तोड़ डाली | कनस्तरों , मटकों को देखा , सब जगह देखा , पर उन्हें कुछ नहीं मिला | उनके हाथ आया खाली ,शून्य-ब्रह्मांड | अधिकारीयों ने लेखक के सारे को बिखेर के रख दिया पर उन्हें कुछ नहीं मिला |

Explanation:

रसोई की खाली पीपियों को टटोला बच्चों की गुल्‍लक तक देख डाली पर सब में मिला एक ही तत्‍त्‍व खाली...कनस्‍तरों को, मटकों को ढूॅंढ़ा सब में मिला शून्य-ब्रह्मांड।

यह पद्यांश छापा कविता पंक्तियों से लिया गया है | छापा कविता ओमप्रकाश आदित्य के द्वारा लिखी गई है| कवि ने कविता में आयकर विभाग के छापे के माध्यम से आम आदमी की आर्थिक स्थिति , छापा मारने वालों की कार्य प्रणाली को दर्शाया है|

अधिकारी लेखक के सारे घर की तलाशी लेने लगते है | अधिकारीयों ने रसोई के खाली पिपियों और कनस्तरों में खोल कर देखा | बच्चों की गुलक तक तोड़ डाली | कनस्तरों , मटकों को देखा , सब जगह देखा , पर उन्हें कुछ नहीं मिला | उनके हाथ आया खाली ,शून्य-ब्रह्मांड | अधिकारीयों ने लेखक के सारे को बिखेर के रख दिया पर उन्हें कुछ नहीं मिला |

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