Hindi, asked by mitkutparsad65paidjl, 11 months ago

रसों की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए class 10​

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Answered by ellie52
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Answer:

रस क्या होता है

किसी भी वाक्य को किसी भी वाक्य को सुनने के बाद हमें जो अनुभूति होती है उसे रस कहते हैं.

उदाहरण – जिन बातों को सुनने के बाद हमारे मन में आनंद की अनुभूति हो यह हमारे मन में आनंद का अभाव हो उसे रस कहते हैं. जैसे कई बार हम किसी बात को सुनने के बाद खुश हो जाते हैं या कई बार हम उस बात पर ज्यादा ध्यान देते हैं.और कई बार सॉन्ग सुनकर  हमारे मन में खुशी महसूस करते हैं. तो हमें उस समय आनंद आता है. तो कई बार हम किसी चीज को देखकर अपने मन में खुशी महसूस करते हैं. तो उस समय हमारे मन में जो आनंद होता है.  उसे ही रस कहा जाता है. साधारण भाषा में रस का मतलब आनंद होता है.

रस के भेद

मुख्य रूप से रस के नौ भेद होते हैं. वैसे तो हिंदी में 9 ही रस होते हैं लेकिन सूरदास जी ने एक रस और दिया है जो कि 10 रस  माना जाता है.

1. श्रृंगार – जब नायक नायिका के बिछुड़ने का वर्णन होता है तो वियोग श्रृंगार होता है.

श्रृंगार रस का उदाहरण :

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

जाके सिर मोर मुकुट मेरा पति सोई

2. अद्भुत –  जब किसी गद्य कृति या काव्य में किसी ऐसी बात का वर्णन हो जिसे पढ़कर या सुनकर आश्चर्य हो तो अद्भुत रस होता है.

अद्भुत  रस का उदाहरण :

देखरावा मातहि निज अदभुत रूप अखण्ड

रोम रोम प्रति लगे कोटि-कोटि ब्रह्माण्ड

3. करुण – जब भी किसी साहित्यिक काव्य ,गद्य आदि को पढ़ने के बाद मन में करुणा,दया का भाव उत्पन्न हो तो करुण रस होता है.

करुण  रस का उदाहरण :

हाय राम कैसे झेलें हम अपनी लज्जा अपना शोक

गया हमारे ही हाथों से अपना राष्ट्र पिता परलोक

4. हास्य – जब किसी काव्य आदि को पढ़कर हँसी आये तो समझ लीजिए यहां हास्य रस है.

हास्य रस का उदाहरण :

सीरा पर गंगा हसै, भुजानि में भुजंगा हसै

हास ही को दंगा भयो, नंगा के विवाह में

5. वीर – जब किसी काव्य में किसी की वीरता का वर्णन होता है तो वहां वीर रस होता है.

वीर रस का उदाहरण :

चढ़ चेतक पर तलवार उठा करता था भूतल पानी को

राणा प्रताप सर काट-काट करता था सफल जवानी को

6. भयानक – जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में भय उत्पन्न हो या काव्य में किसी के कार्य से किसी के भयभीत होने का वर्णन हो तो भयानक रस होता है.

भयानक  रस का उदाहरण :

अखिल यौवन के रंग उभार, हड्डियों के हिलाते कंकाल

कचो के चिकने काले, व्याल, केंचुली, काँस, सिबार

7.  शांत – जब कभी ऐसे काव्यों को पढ़कर मन में असीम शान्ति का एवं दुनिया से मोह खत्म होने का भाव उत्पन्न हो तो शांत रस होता है.

शांत रस का उदाहरण :

जब मै था तब हरि नाहिं अब हरि है मै नाहिं

सब अँधियारा मिट गया जब दीपक देख्या माहिं

8 रौद्र – जब किसी काव्य में किसी व्यक्ति के क्रोध का वर्णन होता है. तो वहां रौद्र रस होता है.

रौद्र रस का उदाहरण :

उस काल मरे क्रोध के तन काँपने उसका लगा

मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा

9. वीभत्स – वीभत्स यानि घृणा जब भी किसी काव्य को पढ़कर मन में घृणा आये तो वीभत्स रस होता है।ये रस मुख्यतः युद्धों के वर्णन में पाया जाता है. जिनमें युद्ध के पश्चात लाशों, चील कौओं का बड़ा ही घृणास्पद वर्णन होता है.

वीभत्स  रस का उदाहरण :

आँखे निकाल उड़ जाते, क्षण भर उड़ कर आ जाते

शव जीभ खींचकर कौवे, चुभला-चभला कर खाते

भोजन में श्वान लगे मुरदे थे भू पर लेटे

खा माँस चाट लेते थे, चटनी सैम बहते बहते बेटे

10. वात्सल्य – जब काव्य में किसी की बाल लीलाओं या किसी  के बचपन का वर्णन होता है. तो वात्सल्य रस होता है. सूरदास ने जिन पदों में श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया है उनमें वात्सल्य रस  है.

वात्सल्य रस का उदाहरण :

बाल दसा सुख निरखि जसोदा, पुनि पुनि नन्द बुलवाति

अंचरा-तर लै ढ़ाकी सूर, प्रभु कौ

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