रसखान की भक्ति भावना व कृष्ण प्रेम पर अपने विचार प्रकट कीजिए
Answers
Answer:
रसखान का जन्म 15वीं सदी के मध्य में हुआ था| जन्म के समय उनका नाम सैय्यद इब्राहीम था| बचपन में ही वह कृष्ण भक्त बन गए थे|
कृष्ण की भक्ति में ऐसे डूब गए थे रसखान – ना रहे हिन्दू ना रहे मुसलमान – बस बन गए एक ‘इन्सान’!
संत रसखान की भक्ति की कहानी बताने जा रहे है जो मुसलमान होते हुए भी कृष्ण के भक्ति में ऐसे डूबे कि हिन्दू और मुसलमान सब कुछ भूल कर बस एक नेक इंसान कहलाये|
कृष्ण के मानवीय स्वरूप ने रसखान को अधिक प्रभावित किया, लेकिन रसखान ने अपने पदों में उनके ब्रह्मत्व को खास स्थान दिया है। गोस्वामी विठ्ठलनाथ से दीक्षा ग्रहण करने के बाद रसखान कृष्ण की नगरी वृन्दावन में ही बस गए थे | गोकुल, वृन्दावन और मथुरा में आज भी रसखान का नाम भगवन कृष्ण के सबसे बड़े भक्तों में लिया जाता है |
Answer:
ye rha aapka uttar
Explanation:
plz mark as brainliest i will follow u