Hindi, asked by vjai1230, 5 months ago

रसखान के जीवन का उपसंहार​

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Answered by pratapjadon
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रसखान के कृष्ण भक्ति साहित्य का मूल्यांकन : कविवर रसखान हिंदी साहित्य के क्षेत्र में भक्ति-काल के अंतिम प्रमुख कृष्ण-भक्त कवि रहे है। यद्यपि वे मुसलमान थे, तथापि वे कृष्ण-भक्त थे। ... रसखान वल्लभ संप्रदाय के अनुयायी हैं, अत: इनकी भक्ति पध्दति वैष्णवभक्ति है । वैष्णवभक्ति पध्दति में नवधा भक्ति को पूर्ण महत्व दिया गया है।

Answered by AMEERSOHAILDALAWAI1
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Answer:

अब्राहम जार्ज ग्रियर्सन ने लिखा है कि सैयद इब्राहीम उपनाम रसखान कवि का जन्म हरदोई ज़िले के अंतर्गत पिहानी ग्राम में सन 1573 ई. में हुआ था. यह पहले मुसलमान थे और बाद में वैष्णव होकर ब्रज में रहने लगे थे। इसका वर्णन 'भक्तमाल' में है।

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