Hindi, asked by gargipal467, 3 months ago

रसखान द्वारा लिखे गए चार पद​

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Answered by priyadarsini33
2

बांके लाल सारस्वत, महावन(मथुरा) : ' मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गांव के ग्वारन, जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मंझारन' ये पंक्तियां हैं कृष्ण भक्त रसखान की। ... इसमें महाकवि रसखान की रचनाएं पढ़ने के लिए लोगों को मुहैया कराई जाएंगी।

Explanation:

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Answered by aswaladiti55
0

Answer:

बांके लाल सारस्वत, महावन(मथुरा) : ' मानुस हौं तो वही रसखान, बसौं मिलि गोकुल गांव के ग्वारन, जो पसु हौं तो कहा बस मेरो, चरौं नित नंद की धेनु मंझारन' ये पंक्तियां हैं कृष्ण भक्त रसखान की। ... इसमें महाकवि रसखान की रचनाएं पढ़ने के लिए लोगों को मुहैया कराई जाएंगी।

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