rashtrihet sarvopari par paragraph in hindi
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राष्ट्रवाद यानि राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना का विकास किसी भी देश के नागरिकों की एकजुटता के लिए आवश्यक है। यही वजह है कि बचपन से ही स्कूलों में राष्ट्रगान का नियमित अभ्यास कराया जाता है और आजकल तो सिनेमाघरों में भी फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलाया जाता है, और साथ ही पाठ्यक्रमों में देश के महान सपूतों, वीरों एवं स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाओं का समावेश किया जाता है।
राष्ट्रवाद ही वह भावना है जो सैनिकों को देश की सीमा पर डटे रहने की ताकत देती है। राष्ट्रवाद की वजह से ही देश के नागरिक अपने देश के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने से पीछे नहीं हटते। वह राष्ट्रवाद ही है जो किसी भी देश के नागरिकों को उनके धर्म, भाषा, जाति इत्यादि सभी संकीर्ण मनोवृत्तियों को पीछे छोड़कर देशहित में एक साथ खड़े होने की प्रेरणा देता है।
निष्कर्ष :-
भारतीय नागरिकों में राष्ट्रवाद की भावना सर्वोपरि है और इसीलिए जब यहां के नागरिकों से देश के राष्ट्रीय ध्वज एवं राष्ट्रगान, जो कि देश की एकता एवं अखंडता के राष्ट्रीय प्रतीक हैं, के प्रति सम्मान की अपेक्षा की जाती है तो वे पूरी एकता के साथ खुलकर इन सभी के लिए अपना सम्मान प्रकट करते हैं।
Answer:
राष्ट्रीय हित 'अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अवधारणा है। सभी राष्ट्र हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों के लक्ष्यों को पूरा करने या हासिल करने की प्रक्रिया में लगे रहते हैं। प्रत्येक राष्ट्र की विदेश नीति उसके राष्ट्रीय हित के आधार पर तैयार की जाती है और वह हमेशा अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काम करती है। यह अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने के लिए प्रत्येक राज्य का एक सार्वभौमिक रूप से स्वीकृत अधिकार है। एक राज्य हमेशा अपने राष्ट्रीय हित के आधार पर अपने कार्यों को सही ठहराने की कोशिश करता है। किसी राज्य का व्यवहार हमेशा उसके राष्ट्रीय हितों से जुड़ा और संचालित होता है। इसलिए हमारे लिए यह आवश्यक है कि हम राष्ट्रीय हित के अर्थ और सामग्री को जानें।
यद्यपि किसी देश के राष्ट्रीय हित के विभिन्न आयाम हैं, हम सुरक्षा और समृद्धि को प्राथमिक लक्ष्य मानते हैं। अन्य आयामों में आर्थिक विकास, सैन्य अभियानों में उन्नति और इस आधुनिक दुनिया में देश की संस्कृति को बनाए रखना शामिल है। राष्ट्रीय हित उनके प्राथमिक लक्ष्यों के आधार पर देश-दर-देश से भिन्न होता है। राष्ट्रीय हित एक ऐसी प्रक्रिया है जो मुख्य समस्या को प्राथमिकता देती है जिसमें देश का विकास होना चाहिए। भारत एक ऐसा देश है जहां एक अरब लोगों की आबादी है और विचारों के विभिन्न आयाम हैं। एक विशेष राज्य की आवश्यकता दूसरों के लिए सबसे कम चिंता का विषय है। इसलिए भारत के लोगों के लिए राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देना कठिन और जटिल काम है। इस निबंध में, हम राष्ट्रीय हितों के इतिहास और भारत के हितों की जांच करते हैं।