Hindi, asked by ashwini3305, 8 months ago

Raskhan ke dohe bhavarth

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Answered by sahilkumar12131
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Explanation:

हिन्दी भक्ति साहित्य में रसखान प्रमुख कवियों में से एक माने जाते थे। वे एक कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। आपको बता दें कि हिन्दी साहित्य के  रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का स्थान बेहद महत्वपूर्ण है। रसखान का वास्तविक नाम सैयद इब्राहिम था।  कवि रसखान ने अपने काव्य में भक्ति और श्रुंगार रस दोनों का बखूबी वर्णन किया गया है।

रसखान जी प्रेम की तन्मयता, भाव और आसक्ति के उल्लास के लिए जितने मशहूर हैं। उतने ही वे अपनी भाषा की मार्मिकता, शब्द-चयन और व्यंजक शैली के लिए भी मशहूर हैं। रसखान जी ने अपने दोहों में ब्रजभाषा का बेहद सरस और मनोरम इस्तेमाल किया गया है।

आपको बता दें कि सुजान रसखान और प्रेमवाटिका उनकी उपलब्ध रचनाएं हैं। रसखान रचनावली के नाम से उनकी रचनाओं का संग्रह मिलता है। आज हम अपने इस आर्टिकल में रसखान के दोहों – Raskhan ke Dohe को अर्थ समेत बताएंगे।

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