raskhan ke guru kon the
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रसखान का जन्म सन् 1548 में हुआ माना जाता है। उनका मूल नाम सैयद इब्राहिम था और वे दिल्ली के आस-पास के रहने वाले थे। कृष्ण-भक्ति ने उन्हें ऐसा मुग्ध कर दिया कि गोस्वामी विट्ठलनाथ से दीक्षा ली और ब्रजभूमि में जा बसे।
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गोस्वामी विट्ठलदास रसखान के गुरु थे।
रसखान का परिचय:
- रसखान का जन्म सं १५४८ में हुआ था।
- उनका नाम सैयद अब्राहिम था।
- वह एक कृष्ण भक्त के रूप में प्रसिद्द हुए थे।
गोस्वामी विट्ठलदास का परिचय:
- वह वल्लभ सम्प्रदाय के अंतर्गत प्रवर्तक माने जाते है।
- उनका मूल नाम गोकुलनाथ गोस्वामी है ऐसा माना जाता है।
- उन्होंने अष्टछाप की स्थापना की थी।
- रसखान ने उनको गुरु पद प्रदान किया था।
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