रटंत विद्या उपयोगी है इसके पक्ष में बोले? (वाद - विवाद)
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जागरण संवाद केंद्र, गाजियाबाद : राम हठेली ने अंग्रेजी सीखने के लिए एक स्कूल में दाखिला लिया। वहां उसने अंग्रेजी सीखने की कोशिश तो वह उल्टा उसे रटने लगी। हुआ यह कि रटने के चक्कर में उसे सही गलत का कुछ पता ही नहीं चला और वो सब गड़बड़ कर बैठी। तब उसे आभास हुआ कि रटने से नहीं, बल्कि विषय को समझ कर पढ़ना चाहिए। यह संदेश किसी शिक्षक ने नहीं, बल्कि राम हठेली कठपुतली ने दिया। 'रटंत विद्या फलंत नाहिं' विषय पर इनमेंटक इंस्टीट्यूट के बीएड के छात्रों ने कठपुतली के जरिए ये संदेश दिया कि हमें रट्टू तोता नहीं बनना चाहिए। बल्कि विषयों को समझ कर पढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में दैनिक जागरण ने मीडिया पार्टनर की भूमिका निभाई।
इंस्टीट्यूट में उड़ान नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तीसरे दिन इंस्टीट्यूट के सभागार में रट्टू तोता नामक कठपुतली शो का आयोजन किया गया। इसमें बीएड के छात्र-छात्राओं ने कठपुतली के जरिए शिक्षा की महत्ता को बताया। कठपुतली का ये कार्यक्रम अंजलि गौड़, जौली प्रियंका व नितिन शुक्ला ने आयोजित किया। इस मौके पर नृत्य एवं टैलेंट प्रतियोगिता भी आयोजित की गई, जिसमें काफी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के तहत इंस्टीट्यूट में गहने, खाने, खेल आदि की 10 से अधिक स्टॉल भी लगाई गई। 22 नवंबर को अंतिम नृत्य प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। डॉ. निधि अग्रवाल, डॉ. पंकज गुप्ता, आकांक्षा व चरनजीत सिंह कार्यक्रम में उपस्थित थे।