Hindi, asked by priyalsharma1916, 27 days ago

रवि जग में शोभा सरसाता, सोम सुधा बरसाता।
सब हैं लगे कर्म में, कोई निष्क्रिय दृष्टि न आता।
है उद्देश्य नितांत तुच्छ तृण के भी लघु जीवन का।
उसी पूर्ति में वह करता है अंत कर्ममय तन का।​

Answers

Answered by misrakamlesh30
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Explanation:

सूर्य सारे संसार को सुशोभित करता है, चंद्रमा अमृत वर्षा करता है, सभी अपने अपने कर्म में लगे हैं, कोई भी निष्क्रिय नज़र नहीं आता। तिनका जिसका जीवन बहुत ही थोड़ा है वह भी किसी न ही किसी उद्देश्य हेतु है और वह उसी की पूर्ति हेतु अपने जीवन को समर्पित कर ता है।

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