Report writing on Republic day in hindi
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Republic Day Essay in Hindi
जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह ह्रदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश से प्यार नहीं
हर वर्ष हम लोग 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. चाहे संसद भवन हो या राज भवन, चाहे स्कूल हो या कॉलेज हर जगह तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्र गान गया जाता है. इंडिया गेट में झांकी निकाली जाती है जिसे देश विदेश में लोग आनंद् पूर्वक देखते और सराहते हैं.
26 जनवरी को लाहौर के रावी तट पर पंडित जवाहरलाल के नेतृत्व में हजारों देशवासियों ने अपने देश की आजादी के लिए मर- मिटने की कसमें खाई थी. जब हमारा देश आजाद हुआ तो देश को चलाने के लिए संविधान का निर्माण कार्य बाबा साहेब भीम राव के नेतृत्व में शुरू हुआ. अब इसे किस दिन लागू किया जाय, यह के विचारणीय प्रश्न था. 26 जनवरी १९३० की पुनीत तिथि की गरिमा और महत्व को देखते हुये इसी दिन यानि 26 जनवरी १९५० को हमारा संविधान लागू हुआ. देश को अपना संविधान मिला. भारत के इस नव गणतंत्र में जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था लागू हुई. आखिर इसी में तो प्रजातंत्र की आत्मा बसती है.
आज की यह शुभ घड़ी यूँ ही नहीं आयी है. इसके पीछे त्याग, बलिदान और संघर्ष की एक लम्बी गाथा है. हजारों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी. कितनी माताओं की गोद सूनी हो गयी, कितनी बहनों के हाथ में रखी अपने भाइयों का इन्तजार करती रह गयी. उन तमाम जाने- अनजाने वीरों को शत शत नमन.
नमन उन्हें मेरा शत बार
सूख रही थी बोटी बोटी
मिलती नहीं घास की रोटी
गढ़ते हैं इतिहास देश का सहकर कठिन क्षुधा की मार
नमन उन्हें मेरा शत बार
और साथ ही साथ
कलम आज उनकी जय बोल
जला अस्थियाँ बारी –बारी
छिटकाई जिसने चिंगारी
चढ़ गए जो पुण्य वेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम आज उनकी जय बोल
आज अपना गणतन्त्र प्राप्त किये हुए हमें कई दशक हो चुके हैं. क्या हमें सच्चा लोकतंत्र प्राप्त हुआ है. आज भी हमारे देश में गरीबी और बेरोजगारी की समस्या है. आज भी हमारे देश में स्त्रियों और बेटियों को समान दर्जा मिला है क्या? सबसे खुशी की बात है कि सरकार ने इस दिशा में कई ठोस पहल किया हैं. बेटी बचाओ और बेटी पढ़ों जैसी योजनायें बालिकाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
आज हमारे देश को तोड़ने के लिए कई विदेशी शक्तियां लगातार सक्रिय हैं. आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी समस्याओं का हमने डटकर सामना किया है. इस पुनीत अवसर पर सभी देशवासी यह कसम खाते हैं कि अपने तिरंगे की शान बचाने के लिए किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयार रहेंगे.
Republic Day Essay in Hindi
जो भरा नहीं है भावों से
बहती जिसमें रसधार नहीं
वह ह्रदय नहीं है पत्थर है
जिसमें स्वदेश से प्यार नहीं
हर वर्ष हम लोग 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं. चाहे संसद भवन हो या राज भवन, चाहे स्कूल हो या कॉलेज हर जगह तिरंगा फहराया जाता है, राष्ट्र गान गया जाता है. इंडिया गेट में झांकी निकाली जाती है जिसे देश विदेश में लोग आनंद् पूर्वक देखते और सराहते हैं.
26 जनवरी को लाहौर के रावी तट पर पंडित जवाहरलाल के नेतृत्व में हजारों देशवासियों ने अपने देश की आजादी के लिए मर- मिटने की कसमें खाई थी. जब हमारा देश आजाद हुआ तो देश को चलाने के लिए संविधान का निर्माण कार्य बाबा साहेब भीम राव के नेतृत्व में शुरू हुआ. अब इसे किस दिन लागू किया जाय, यह के विचारणीय प्रश्न था. 26 जनवरी १९३० की पुनीत तिथि की गरिमा और महत्व को देखते हुये इसी दिन यानि 26 जनवरी १९५० को हमारा संविधान लागू हुआ. देश को अपना संविधान मिला. भारत के इस नव गणतंत्र में जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा स्थापित शासन व्यवस्था लागू हुई. आखिर इसी में तो प्रजातंत्र की आत्मा बसती है.
आज की यह शुभ घड़ी यूँ ही नहीं आयी है. इसके पीछे त्याग, बलिदान और संघर्ष की एक लम्बी गाथा है. हजारों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी. कितनी माताओं की गोद सूनी हो गयी, कितनी बहनों के हाथ में रखी अपने भाइयों का इन्तजार करती रह गयी. उन तमाम जाने- अनजाने वीरों को शत शत नमन.
नमन उन्हें मेरा शत बार
सूख रही थी बोटी बोटी
मिलती नहीं घास की रोटी
गढ़ते हैं इतिहास देश का सहकर कठिन क्षुधा की मार
नमन उन्हें मेरा शत बार
और साथ ही साथ
कलम आज उनकी जय बोल
जला अस्थियाँ बारी –बारी
छिटकाई जिसने चिंगारी
चढ़ गए जो पुण्य वेदी पर
लिए बिना गर्दन का मोल
कलम आज उनकी जय बोल
आज अपना गणतन्त्र प्राप्त किये हुए हमें कई दशक हो चुके हैं. क्या हमें सच्चा लोकतंत्र प्राप्त हुआ है. आज भी हमारे देश में गरीबी और बेरोजगारी की समस्या है. आज भी हमारे देश में स्त्रियों और बेटियों को समान दर्जा मिला है क्या? सबसे खुशी की बात है कि सरकार ने इस दिशा में कई ठोस पहल किया हैं. बेटी बचाओ और बेटी पढ़ों जैसी योजनायें बालिकाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
आज हमारे देश को तोड़ने के लिए कई विदेशी शक्तियां लगातार सक्रिय हैं. आतंकवाद और नक्सलवाद जैसी समस्याओं का हमने डटकर सामना किया है. इस पुनीत अवसर पर सभी देशवासी यह कसम खाते हैं कि अपने तिरंगे की शान बचाने के लिए किसी भी तरह के बलिदान के लिए तैयार रहेंगे.
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प्रिया,
20.09.2019
रिपब्लिक डे को हिंदी में गणतंत्र दिवस कहा जाता है I गणतंत्र दिवस के दिन हमारे देश में संविधान लागू हुआ था I गणतंत्र दिवस पर विजयपथ से इंडिया गेट तक परेड निकाली जाती है I गणतंत्र दिवस पर हमारे देश के राष्ट्रपति इंडिया गेट पर तिरंगा झंडा फहरा कर भाषण देते हैं I इंडिया गेट पर बहुत से विद्यालय के विद्यार्थी विभिन्न राज्यों के लोक नृत्य और कला का प्रदर्शन करते हैं I हमारे देश के जवान, पुलिस, नौ सेना आदि अपने कार्य को परेड के जरिए इंडिया गेट पर राष्ट्रपति को दिखाते हैं I राष्ट्रपति उन्हें सलामी देते हैं I राष्ट्रपति हमारे देश के शहीदों शहीदों जवानों को सलामी देते हुए उनके परिवारों से मिलकर उन्हें सम्मान देते हैं I
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