Republic Day speech for students in Hindi
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प्यारे बच्चों आज मैं आपको 26 जनवरी पर भाषण देने जा रहा हूं। यह भाषण आप अपने स्कूल कॉलेज में इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको पसंद आएगा
आदरणीय प्रिंसिपल सर, सभी शिक्षकगण, सहपाठियों और अभीभावकों को मेरा नमस्कार। मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ। मेरा नाम…..है. मैं कक्षा… में अध्ययन करता हूं। आज हम सभी “गणतंत्र दिवस” मनाने के लिए यहाँ एकत्रित हुए हैं। हमारे देश में यह 26 जनवरी के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर मैं एक भाषण प्रस्तुत कर रहा हूँ।
हम सभी को भारत का नागरिक होने का गर्व है। प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हमारे देश भारत में मनाया जाता है। इस महान दिन को ना सिर्फ भारत में रहने वाले भारतीय बल्कि विश्व के कोने कोने में रहने वाले भारतवासी उत्साह के साथ मनाते हैं।
इसी दिन 26 जनवरी 1950 को भारत एक प्रजातांत्रिक गणतंत्र देश बना था क्योंकि इसी दिन भारत का संविधान पारित हुआ था। हर भारतीय हर साल इस दिन को ख़ुशियों के साथ मनाते हैं और देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हैं। हर भारतीय के जीवन के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है। पूरे भारत में हर जगह इस दिन को उत्साह के साथ लोग मनाते हैं।
आज हम इस आर्टिकल में हमने आपको गणतंत्र दिवस 2018 के लिए भाषण का एक सुंदर नमूना पेश किया है जिसे विद्यार्थी या अध्यापक गणतंत्र दिवस के उपलक्ष पर अपने स्कूल या अन्य कार्यक्रम के भाषण के लिए मदद ले सकते हैं। आप चाहें तो इस गणतंत्र दिवस के भाषण मैं अपने अनुसार कुछ बदलाव करके भी पेश कर सकते हैं।
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नमस्कार दोस्तों, आज मैं गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ शब्द बोलने जा रहा हूं जो कि सभी भारतीय नागरिकों के लिए एक बहुत ही खास दिन है| हम भारत के 68 वें गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने जा रहे हैं| यही कारण है कि हम यहां इकट्ठे हुए हैं और हम सभी आज इस महान राष्ट्र का गौरव साझा करेंगे।
भारत के अन्य त्योहारों की तरह गणतंत्र दिवस एक त्योहार के रूप में मनाया जाता है। या हमारा राष्ट्रीय पर्व है। इस दिन पूरे भारत में छुट्टी होती है। यह पूरे भारत में धूम – धाम से मनाया जाता है। यह भारत की एकता का प्रतीक है। यह 26 जनवरी को मनाया जाता है।
26 जनवरी, 1950 को भारत देश गणतंत्र बना। गणतंत्र का अर्थ है “जनता का राज्य”। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ। इस स्वतंत्रता के लिए देश के वीरों ने अपना तन, मन और धन लगा दिया। आज़ादी तो मिली परन्तु अभी वह अधूरी थी। यहाँ अंग्रेज़ों का गवर्नर ज़रनल भारत में बैठा हुआ था। देश के नेताओं ने भारत का नया संविधान बनाया। 26 जनवरी 1950 को संविधान की पुस्तक तैयार हो जाने पर भारत गणराज्य घोषित हुआ। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद थे। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू थे।
26 जनवरी से लगभग एक महीना पूर्व दिल्ली में तैयरियाँ शुरू हो जाती हैं। दिल्ली को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 26 जनवरी के दिन प्रातः काल लोग हज़ारों की संख्या में इण्डिया गेट पहुँचते हैं। विजय चौक से एक लम्बा जुलूस निकलता है। हमारे मंत्री, सांसद, विदेशी अतिथि और दूसरे दर्शक गण इसका आनन्द लेते हैं। भारत के राष्ट्रपति जाल, स्थल और वायु सेना के सैनिकों की सलामी लेते हैं। विध्यालयों के छात्र ऐवं छात्राएँ अपना करतब दिखती हैं।
विभिन्न प्रान्तों की झाँक़ीयाँ हमारी सभ्यता ऐवं संस्कृति का परिचय देती हैं। रात्रि को ऐतिहासिक स्थल विद्धत प्रकाश से जगमगा उठते हैं। भारत के भिन्न भिन्न कोनों में यह त्योहार हर्षोंल्लास से मनाया जाता है। राज्यों में राजपालों को सलामी दी जाती है। इसकी पूर्व संध्या को राष्ट्रपति का सन्देश प्रसारित किया जाता है