Chemistry, asked by bhawnataak244, 1 month ago

ऋण आयनिक रिक्तिका दोष की क्या विशेषता होती है।​

Answers

Answered by shishir303
2

¿ ऋण आयनिक रिक्तिका दोष की क्या विशेषता होती है ?

✎... ऋण आयनिक रिक्तिका दोष की विशेषता ये होती है, कि जिन आयनिक ठोसों में धातु आधिक्य दोष के कारण ऋण आयनिक रिक्तिका होती है, वह रंगीन होते हैं।

जैसे हम Nacl अर्थात सोडियम क्लोराइड का उदाहरण लेते है, जब Nacl के क्रिस्टल को सोडियम वाष्प के वातावरण में गर्म किया जाता है, सोडियम के परमाणु क्रिस्टल की सतह पर जम जाते हैं। Cl- आयन क्रिस्टल की सतह से विसरित हो जाते हैं और Na परमाणुओं के साथ मिलकर Nacl बना लेते हैं। निरमुक्त इलेक्ट्रॉन विसरित होकर क्रिस्टल के ऋणायनिक स्थान को अध्यासित करते हैं। इस कारण क्रिस्टल में सोडियम की अधिकता होती है। अयुग्मित इलेक्ट्रॉन द्वारा ऋणायिनिक रिक्तिका को F-केंद्र कहते हैं।

यह Nacl क्रिस्टलों को पीला रंग देते हैं और यह रंग इन इलेक्ट्रॉनों द्वारा क्रिस्टल पर पढ़ने वाले प्रकाश से उर्जा अवशोषित कर के उत्तेजित होने के कारण दिखाई देता है।  इसी तरह कुछ अन्य उदाहरणों में लिथियम की अधिकता Licl क्रिस्टल को गुलाबी बनाती है, वहीं दूसरी ओर तो पोटेशियम की अधिकता Kcl क्रिस्ट को बैंगनी बनाती है।  

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions